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नेहरु संग्रहालय नाम विवाद: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साधा निशाना, बोले- 'अनावश्यक मुद्दा बना रही कांग्रेस'

दिल्ली में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री स्मारक...
नेहरु संग्रहालय नाम विवाद: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साधा निशाना, बोले- 'अनावश्यक मुद्दा बना रही कांग्रेस'

दिल्ली में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) करने को लेकर बयानबाज़ी का दौर जारी है। इस विवाद के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस बेकार में इसे मुद्दा बना रही है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "हम किसी भी पार्टी के हों, अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों को सम्मान दे रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्रियों को जो गौरव प्राप्त है, उन्हें जो सम्मान देना है, हम दे रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इसे अनावश्यक रूप से मुद्दा बना रही है...मुझे नहीं पता कि इसमें समस्या क्यों है।"

उन्होंने आगे कहा, "संग्रहालय में नेहरू जी, इंदिरा जी, चरण सिंह जी, मोरारजी देसाई जी, अटल बिहारी वाजपेई जी सहित सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को सम्मान दिया गया है। हमारे युवाओं को हमारे देश के सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा किए गए योगदान के बारे में एक वीडियो क्लिप के माध्यम से सिखाया जा रहा है जिसे संग्रहालय में चलाया जाता है।"

इससे पहले लेह की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले दिल्ली हवाई अड्डे पर एएनआई से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं।"

बुधवार को नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय करने को लेकर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई। केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के स्वतंत्रता संग्राम में जवाहरलाल नेहरू के महान योगदान को कभी छीन नहीं सकते।

कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिला। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) पीएमएमएल-प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय बन गया है। श्री मोदी के पास भय, जटिलताओं और असुरक्षाओं का एक बड़ा बंडल है, खासकर जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है।"

"उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। उन्होंने 'एन' को मिटाकर उसकी जगह 'पी' डाल दिया है। वह 'पी' वास्तव में क्षुद्रता और चिड़चिड़ापन के लिए है। लेकिन वह स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के विशालकाय योगदान और भारतीय राष्ट्र-राज्य की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदारवादी नींव में उनकी उपलब्धियों को छीन नहीं सकते। इन पर अब श्री मोदी और उनके ढोल बजाने वालों का हमला हो रहा है। लगातार हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।"

बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा था, ''कांग्रेस पार्टी और जयराम रमेश और पीएम नरेंद्र मोदी की सोच में बुनियादी अंतर है। वे (कांग्रेस) सोचते हैं कि केवल नेहरू जी और परिवार ही मायने रखते हैं। नरेंद्र मोदी ने देश के सभी पीएम को म्यूजियम में सम्मानजनक स्थान दिया। लाल बहादुर शास्त्री को वहां जगह क्यों नहीं मिली? वहां न तो इंदिरा गांधी थीं, न राजीव गांधी, न मोरारजी देसाई, न चौधरी चरण सिंह, न अटल बिहारी वाजपेयी, न आईके गुजराल, न एचडी देवेगौड़ा। जब सभी प्रधानमंत्रियों को जगह मिल रही है तो यह प्रधानमंत्री स्मृति पुस्तकालय बन रहा है।''

पीएमएमएल के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने विपक्ष की आलोचना पर जवाब दिया और कहा, "यदि आप अब नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) में आते हैं, तो आप तीन मूर्ति भवन देखेंगे - हमने नेहरू, आधुनिक भारत के उनके मंदिरों, हीराकुंड बांध, नागार्जुन सागर बांध, प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करने के उनके विचार, योजना आयोग को कैसे प्रदर्शित किया है - जिसे इस बारे में कोई संदेह हो कि हमने पूरे नेहरू प्रश्न को कैसे संभाला है, वह आज संग्रहालय में आकर ज़रूर देखें।"

गौरतलब है कि जून के मध्य में, एनएमएमएल सोसाइटी की एक विशेष बैठक के दौरान, इसका नाम बदलकर पीएमएमएल सोसाइटी करने का निर्णय लिया गया। संस्कृति मंत्रालय ने तब कहा था कि उसने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया है।

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