एनआरसी-सीएए के खिलाफ जारी विरोध के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को मंजूरी दे दी। विपक्षी पार्टियां सीएए और एनपीआर दोनों को एनआरसी से जोड़ रही हैं। इसके खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। अब एनआरसी, सीएए और एनपीआर पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है, इनके बीच कोई संबंध नहीं है। देशभर में एनआरसी पर कोई बात नहीं हो रही है।
अमित शाह ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह एकदम साफ है कि एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध नहीं है। एनआरसी पर बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। पीएम मोदी सही कह रहे हैं, इस पर अभी तक कैबिनेट या संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है।
'छिपकर नहीं आएगा एनआरसी'
गृहमंत्री ने कहा, ''पार्टी के घोषणापत्र में एनआरसी है। जब एनआरसी आएगा तो छिपकर नहीं आएगा। अभी एनआरसी पर काम नहीं हो रहा है। बता दें कि पीएम मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली में कहा था कि एनआरसी को लेकर कोई बात नहीं हुई है जिस पर विपक्षी दलों ने कहा कि सरकार साफ तौर पर झूठ बोल रही है जबकि यह उसके घोषणा पत्र का हिस्सा रहा है।
'शंका होने का कोई कारण नहीं'
उन्होंने कहा कि ये किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है बल्कि यह नागरिकता देने का प्रावधान है। किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।' उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को विपक्ष डरा रहा है। एनपीआर को लेकर कहीं पर भी देश के किसी भी नागरिक को मन में ये शंका लाने का कोई कारण नहीं है।
विपक्ष ने साधा निशाना
वहीं, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और असदुद्दीन ओवैसी ने एनपीआर और एनआरसी से जोड़ते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। येचुरी ने कहा, ‘‘एनपीआर और एनआरसी एकसमान हैं। मोदी सरकार लोगों को गुमराह करने के लिये कितना झूठ बोलेगी। इस सरकार ने राज्यसभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि एनपीआर मूल दस्तावेज होगा जिससे आधार पर एनआरसी का काम शुरु होगा।