बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता और वह केंद्र सरकार में कोई पद हासिल करने के लिए टिप्पणियां करते रहते हैं। मोदी ने पटना में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के साथ बुधवार को हुई कुमार की मुलाकात को ‘‘विपक्षी एकता का नवीनतम कॉमेडी शो’’ करार दिया था।
पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों द्वारा सुशील मोदी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह क्या बोलते हैं, उनके बारे में क्या कोई प्रतिक्रिया देता है।”
नीतीश कुमार ने कहा कि मोदी को उनकी पार्टी (भाजपा) ने सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वह इस प्रयास में लगे हुए हैं कि कुछ बोलने पर उन्हें (केंद्र सरकार में) कुछ हासिल हो जाएगा।
उन्होंने कहा, "उन्हें (मोदी को) कौन गंभीरता से लेता है... यहां तक कि उनकी पार्टी भी नहीं। उन्हें जो कहना है कहने दें। चूंकि वह लगभग हर दिन मेरे खिलाफ कुछ कह रहे हैं, इसलिए उन्हें केंद्र में अपने लिए जगह मिल सकती है।"
मोदी ने बुधवार को पटना में दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक को "दो सपने देखने वालों का मिलन" और "विपक्षी एकता का नवीनतम कॉमेडी शो" करार दिया था।
उन्होंने यह भी चुटकी ली कि "यह दो नेताओं की बैठक है जो अपने-अपने राज्यों में अपना आधार खो रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं। यह दो दिवास्वप्न देखने वालों की मुलाकात है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कहीं नहीं खड़े हैं।
अपहरण के एक मामले में मोकामा की एक स्थानीय अदालत द्वारा राजद नेता और राज्य के पूर्व कानून मंत्री कार्तिक कुमार की जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बारे में पूछे जाने पर, सीएम ने कहा, “उस मामले पर अब टिप्पणी करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि सिंह ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।"
विवादास्पद राजद नेता कार्तिक कुमार, जिनकी एक आपराधिक मामले में कथित संलिप्तता के बावजूद नीतीश कुमार सरकार में शामिल होने पर विपक्ष ने आलोचना की थी, उनको बुधवार को कानून से गन्ना विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि उस दिन बाद में, उन्होंने मंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया।