कांग्रेस की अगुवाई वाली राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी मतभेद अब खुलकर सामने आ गया है। पायलट ने बागी तेवर अख्तियार कर लिए हैं। रविवार की रात उन्होंने कहा कि वो सोमवार को सुबह होने वाली कांग्रेस विधायकों की बैठक में शामिल नहीं होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि वो जयपुर नहीं लौट रहे हैं। उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी मुलाकात नहीं हुई है। सचिन पायलट के समर्थक विधायक इस वक्त दिल्ली में हैं और पायलट भी। इस बात की खबरें थी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद बगावत के सुर थम जाएंगे। लेकिन, ऐसा होता नहीं दिख रहा है। सचिन पायलट ने कहा कि गहलोत सरकार अल्पमत में आ गई है।
सचिन पायलट ने यह भी कहा कि कई निर्दलीय विधायक हमारे साथ हैं। उन्होंने कहा कि 30 विधायक हमारे समर्थन में हैं। दावा किया जा रहा है कि ये सभी बीजेपी के संपर्क में हैं। पायलट समर्थक विधायकों का कहना है कि सचिन पायलट जो निर्णय लेंगे वो स्वीकार होगा। गौरतलब है कि विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की तरफ से उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भेजे गए नोटिस के कारण उनके खेमे में नाराजगी है। हालांकि, इस मामले पर सीएम गहलोत सफाई दे चुके हैं।
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राज्य की विधानसभा में कुल दो सौ सीटें हैं। इसमें से कितने विधायक गहलोत खेमे के समर्थक हैं, इसी के मुताबिक राज्य में गहलोत सरकार पर संकट कम हो सकता है। भाजपा के पास अभी 72 विधायक है। यदि सचिन पायलट अपना पाला बदलते हैं तो उनके समर्थक के पार्टी बदलने की संभावना है। और इससे गहलोत सरकार गिर सकती है। हालांकि, दिन में गहलोत खेमे का कहना था कि इनमें से कुछ बागी कांग्रेस और सीएम से संपर्क में हैं। इनके पार्टी छोड़ने की संभावना नहीं है।