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हमारी सरकार का दिया एक भी कर्ज एनपीए नहीं हुआः रविशंकर

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री तथा भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आज बैंक घोटाले को लेकर कांग्रेस पर...
हमारी सरकार का दिया एक भी कर्ज एनपीए नहीं हुआः रविशंकर

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री तथा भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आज बैंक घोटाले को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि तथाकथित अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में हर तरह से दखलंदाजी के कारण पूरा बैंकिंग सिस्टम गड़बड़ हो गया। उन्होंने दावा किया कि हमारी सरकार द्वारा दिया गया एक भी कर्ज एनपीए (डूबे हुए कर्ज ) नहीं हुआ है। 2008 में लोगों द्वारा बैंकों को दी गई अग्रिम राशि 18.06 लाख करोड़ रुपये थी। मार्च 2014 में यह राशि बढ़कर 52.15 लाख करोड़ रुपये हो गई।


रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगस्त 2013 में 80ः20 योजना शुरू की गई और नवंबर 2014 में इसे निरस्त कर दिया गया। 16 मई 2014 को जब चुनाव परिणाम की घोषणा के दिन तत्कालीन वित्त मंत्री ने सात निजी कंपनियों को 80ः20 योजना के तहत ‘आशीर्वाद’ दे दिया। इनमें से एक  कंपनी गीतांजलि भी थी।


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तत्कालीन वित्त मंत्री और राहुल गांधी को इस बात का जवाब देना होगा कि चुनाव परिणाम वाले दिन सात कंपनियों को फायदा क्यों पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि चिदंबरम स्वयं नहीं कर रहे थे सीधा आशीर्वाद था।


केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि पिछले चार साल से कांग्रेस भय और भ्रम की राजनीति में लगी है। रविशंकर ने कहा कि इन दिनों राफेद सौदे की चर्चा हो रही है। यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि बोफोर्स और अन्य हथियार सौदों में भ्रष्टाचार का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी राफेल सौदे पर सवाल उठा रही है। ये दस साल तक राफेल सौदे को अंजाम नहीं दे सकते थे।


रविशंकर प्रसाद ने त्रिपुरा में पार्टी को मिली सफलता पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा की जीत देश के लिए बहुत दूरगामी जीत है। प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस यूपी, हरियाणा, झारखंड, कश्मीर में हारी। हम उम्मीद करते थे कि नार्थ-ईस्ट में कांग्रेस की पकड़ है। पर कांग्रेस त्रिपुरा और नगालैंड में जीरो। उन्होंने कहा कि नगालैंड में भाजपा ने 20 प्रत्याशी उतारे और 12 जीते। हमें ऐसे प्रदेश में 15 फीसदी वोट मिले जहां 88 फीसदी ईसाई हैं।


उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी टेक्नोलॉजी पर विश्वास नहीं करती है। इसका कारण यह है कि टेक्नोलॉजी से पारदर्शिता आती है।

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