रमजान के महीने में गुलमर्ग फैशन शो के आयोजन को लेकर उठे विवाद के बीच जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार साल के किसी भी महीने में इस तरह के आयोजन की अनुमति नहीं देती।
इस फैशन शो को कई लोगों ने "अश्लील" बताया है और विधानसभा में इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा को बताया, "हमने पहले ही इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन प्रारंभिक तथ्यों से पता चला है कि यह एक निजी होटल में एक निजी पार्टी द्वारा आयोजित चार दिवसीय निजी कार्यक्रम था। फैशन शो 7 दिसंबर को आयोजित किया गया था और कुछ चीजें सामने आई हैं, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, जो गलत नहीं हैं।"
सदन में प्रश्नकाल के बाद बयान देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सदस्यों की "निराशा और चिंता" वास्तविक है। प्रश्नकाल पहले करीब आधे घंटे तक फैशन शो और कठुआ जिले के बिलावर इलाके में तीन नागरिकों की हत्या के मुद्दे पर बाधित रहा।
कश्मीर के मुख्य सज्जाद लोन मीरवाइज उमर फारूक ने रविवार को कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर अश्लीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा, "घृणित! रमजान के पवित्र महीने में गुलमर्ग में एक अश्लील फैशन शो आयोजित किया गया, जिसके चित्र और वीडियो वायरल हो गए, जिससे लोगों में सदमा और गुस्सा फैल गया।"
मीरवाइज ने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट में कहा, "सूफी, संत संस्कृति और लोगों के गहन धार्मिक दृष्टिकोण के लिए जानी जाने वाली घाटी में इसे कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है?"
इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था, "आश्चर्य और गुस्सा पूरी तरह से समझा जा सकता है। मैंने जो तस्वीरें देखी हैं, उनमें स्थानीय संवेदनशीलता के प्रति पूरी तरह से उपेक्षा दिखाई देती है और वह भी इस पवित्र महीने के दौरान।"
अब्दुल्ला ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, "मेरा कार्यालय स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है और मैंने अगले 24 घंटों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई उचित रूप से की जाएगी।"
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि फैशन शो का आयोजन करने वालों ने अपना दिमाग नहीं लगाया, जनता की भावनाओं की उपेक्षा की तथा इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि वे इसका आयोजन कहां कर रहे हैं और इसका समय क्या है।
अब्दुल्ला ने कहा, "कुछ लोग कह रहे हैं कि रमजान के महीने में ऐसा शो नहीं होना चाहिए था। मैंने जो देखा है, उसके बाद मेरा मानना है कि यह साल के किसी भी समय नहीं होना चाहिए था।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस कार्यक्रम के आयोजन में सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने कहा, "यह एक निजी पार्टी थी, जिसका आयोजन एक निजी होटल में किया गया था और निमंत्रण भी निजी तौर पर ही बांटे गए थे। सरकार से कोई अनुमति नहीं ली गई थी, सरकार से कोई पैसा नहीं लिया गया था, कोई सरकारी बुनियादी ढांचा इस्तेमाल नहीं किया गया था और कोई सरकारी अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद नहीं था।"
अब्दुल्ला ने कहा, "इन सबके बावजूद प्रशासन से कहा गया कि यदि जांच में कानून के उल्लंघन की बात सामने आती है तो मामले को पुलिस को सौंप दिया जाए जो इसकी जांच करेगी।"
उन्होंने कहा कि अगर सरकार से अनुमति ली गई होती तो वह ऐसे आयोजन की अनुमति नहीं देती। उन्होंने कहा, "अगर कानून का उल्लंघन हुआ है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।"