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'नोटबंदी खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी स्थिति, देश का कैशलेस होना संभव नहीं'

नोटबंदी पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने साफ कहा है कि सरकार का ये फैसला खोदा पहाड़ निकली चुहिया के जैसा है। इससे न तो काला धन पर लगाम लगा और न ही इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। उन्‍होंने कहा कि पूरे देश का कैशलेस होना किसी भी हाल में संभव नहीं है।
'नोटबंदी खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी स्थिति, देश का कैशलेस होना संभव नहीं'

नोटबंदी को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए पी चिदंबरम ने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने गरीब जनता की कमर तोड़ दी है। ये खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी स्थिति है। नोटबंदी से जितना नुकसान हुआ है वह एक प्राकृतिक आपदा से भी नहीं हो सकता था।

पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी सरकार का बेवकूफी भरा फैसला है। किसी के पास इसके लिए एक भी अच्छा शब्द नहीं है। ये एक अविवेकपूर्ण फैसला है। सभी बड़े अखबरों और अर्थशास्त्रियों ने इसकी आलोचना की है।

सरकार के फैसले के औचित्य पर सवाल खड़ा करते हुए पी चिदंबरम ने पूछा कि कैसे नोटबंदी से देश का फायदा होगा? उन्होंने पूछा, “क्या इससे भ्रष्टाचार और कालाधन रुक गया है? नोटबंदी से इसपर रोक नहीं लग सकती। इस कदम से सिर्फ गरीब जनता को सजा मिल रही है।”

पी चिदंबरम ने दावा किया कि सरकार का नोटबंदी का फैसला पूरी तरह फेल रहा है और इससे बचने के लिए अब सरकार लगातार अपना गोल पोस्ट बदल रही है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से कालाधन खत्म नहीं हुआ है। इसलिए अब वे लोग कैशलेस अर्थव्यवस्था की बातें कर रहे हैं।”

चिदंबरम ने कहा कि क्या सरकार को ये पता है कि लोगों को कितने कैश की जरूरत है? पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने एक व्‍यक्ति के 24000 रुपये निकाले की सीमा को कैसे तय किया। जबकि बैंक इतना पैसे देने में सक्षम नहीं थे। सरकार के इस फैसले से 45 करोड़ लोग प्रभावित हैं।

 

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