कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण से जुड़े न्यास मामले में सिलसिलेवार ट्वीट कर आज अनेक सवाल उठाते हुए आरोप लगाए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में लिखा है 'भूमि खरीद में 16 करोड़ रुपए का घोटाला है तो हजारों करोड़ मंदिर निर्माण में जो चंदा वसूला गया है, उसमें मौजूदा ट्रस्ट जिसमें वीएचपी के पदाधिकारी व मोदी जी द्वारा मनोनीत सदस्य हैं, वे कितना और भ्रष्टाचार करेंगे, अंदाजा लगाएं।'
सिंह ने सिलसिलेवार ट्वीट में आरोप लगाते हुए कहा 'राम मंदिर निर्माण में भी भ्रष्टाचार का अवसर ढूंढ लिया? वीएचपी ना पूर्व में एकत्रित चंदे का हिसाब देती है ना अब उससे उम्मीद है। योगी जी, आप तो अपने मुख्यमंत्री रहते हुए भगवान राम मंदिर निर्माण में इस प्रकार का भ्रष्टाचार तो ना होने दें। यदि यह सही नहीं है, तो स्पष्टीकरण दें।'
कांग्रेस नेता ने लिखा है 'मोदी जी आप से पूर्व में ही मैंने अनुरोध किया था कि नए ट्रस्ट के गठन के बजाए आप पूर्व से गठित रामालय ट्रस्ट को ही निर्माण का काम सौंप दें। रामालय न्यास, जिसमें देश के सभी सनातनी हिंदू धर्म के मान्यता प्राप्त शंकराचार्य जी व रामानंदी संप्रदाय के प्रमुख सदस्य हैं।'
दिग्विजय सिंह ने लिखा है 'यदि आपके द्वारा गठित न्यास पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है तो आप पर भी लगता है। आपने 2014 में वादा किया था ''ना खाऊंगा ना खाने दूंगा'' लेकिन वह भी एक और जुमला ही निकला। यदि यह आरोप सही है और आप ईमानदार हैं तो तत्काल मौजूदा न्यास को भंग कर पूरे प्रकरण को सीबीआई व ईडी को सौंपे। और पूर्व से गठित रामालय न्यास को भगवान राम मंदिर निर्माण का कार्य सौंपे।'
दिग्विजय सिंह ने लिखा है 'लेकिन आपने उसका राजनीतिकरण कर पूरा न्यास विहिप आरएसएस को सौंप दिया। यह वहीं संघटन गठबंधन है, जिसने पूर्व में मंदिर निर्माण में 1400 करोड़ रुपए चंदे का हिसाब अब तक नहीं दिया। निर्मोही अखाड़े के अनेक सदस्यों द्वारा कई बार मांगने पर भी हिसाब नहीं दिया गया।'
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले पर और भी ट्वीट किए हैं।