राजस्थान के कोटा में हुई बच्चों की मौत पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में जो माहौल बना हुआ है,उससे ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं पहले ही कह चुका हूं कि इस साल शिशुओं की मौत के आंकड़ों में पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी कमी आई है।
सीएम गहलोत ने कहा कि हमने बच्चों के मामले को लेकर कभी राजनीति नहीं की। पिछली सरकार के दौरान बच्चों की मौतें ज्यादा हुई। उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन खुद डॉक्टर हैं और अगर वह कोटा के अस्तपाल में आते हैं तो उन लोगों के लिए स्थिति साफ होगी जो जाने-अनजाने बयान दे रहे हैं। मैंने डॉ. हर्षवर्धन से फोन पर बात भी की है और उनसे कोटा का दौरा करने का आग्रह किया ताकि वह सुविधाओं को देख सकें।
उच्च स्तरीय समिति गठित
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने मामले में एक उच्च स्तरीय टीम गठित की है। स्वास्थ्य मंत्रालय की अगुवाई वाली इस टीम में जोधपुर एम्स के डॉक्टर, हेल्थ फाइनेंस एंड रीजनल डायरेक्टर और जयपुर हेल्थ सर्विस के लोग भी शामिल होंगे। यह टीम शुक्रवार को जेके लोन अस्पताल पहुंचेगी। केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की है और उन्हें हर संभव सहायता देने का वादा किया है।
नए साल में हुई तीन मौत
वहीं, कोटा में अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि नए साल के पहले दो दिनों में तीन और बच्चों की मृत्यु हो गई, और यह आंकड़ा अब बढ़कर 103 हो गया है। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल दिसंबर में कोटा के सरकारी अस्पताल में कम से कम 91 बच्चों ने अपनी जान गंवाई, जिसके बाद अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार राज्य में भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के निशाने पर है।
सोनिया गांधी ने ली ताजा हालात की जानकारी
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को पार्टी के राज्य प्रभारी अविनाश पांडे से ताजा हालात और अशोक गहलोत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी ली। कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर दुख जाहिर करते हुए सोनिया गांधी ने राज्य सरकार को कहा कि इस मामले में और ठोस कदम उठाए जाएं।