गलवान घाटी में शहीद 20 जवानों की पहली बरसी पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को कहा कि अभी भी इस घटना से जुड़े हालात को लेकर स्पष्टता नहीं है। सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम देश के जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का जो समझौता हुआ है, उससे लगता है कि यह अब तक भारत के लिए पूरी तरह नुकसानदेह रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बयान में कहा, '14-15 जून, 2020 की रात को चीन की पीएलए के साथ हुई झड़प को एक साल पूरा हो गया है। इसमें बिहार रेजीमेंट के हमारे 20 जवानों की जान चली गई थी। कांग्रेस हमारे जवानों के सर्वोच्च बलिदान को याद करने में राष्ट्र के साथ शामिल है।
सोनिया गांधी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, हमने बहुत धैर्यपूर्वक इंतजार किया है कि सरकार आगे आकर राष्ट्र को सूचित करे कि किन परिस्थितियों में वह घटना हुई थी और सरकार लोगों को आश्वस्त भी करे कि हमारे बहादुर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। कांग्रेस पार्टी अपनी चिंता दोहराती है कि अभी तक सरकार द्वारा कोई स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं कराया गया है. एक साल पहले इस विषय पर प्रधानमंत्री के अंतिम शब्द थे कि कोई उल्लंघन नहीं हुआ था।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी सरकार से देश को विश्वास में लेने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करती है कि उनकी परफॉरमेंस भी उतनी ही योग्य हो जितनी प्रतिबद्धता के साथ हमारे सैनिक सीमाओं पर बहादुरी और दृढ़ता से खड़े है। सोनिया गांधी ने कहा कि हमने बार-बार पीएम के बयान के आलोक में प्रकरण का विवरण मांगा है, अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति को बहाल करने की दिशा में क्या प्रगति हुई है, इसका ब्यौरा भी मांगा है।