कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष की गद्दी संभालने और कांग्रेस कमेटी को पुनर्गठित करने के तमाम कयासों के बीच कांग्रेस एक बार फिर अंबेडकर को लेकर एक साल के मिशन को शुरू करने जा रही है। इसका लक्ष्य तेजी से खिसक रहे या खिसक गए दलित वोटों को वापस पार्टी में लाना। इस एक वर्षीय अभियान का नाम होगा-कांग्रेस विजन और बाबा साहेब मिशन। इस मिशन के पीछे राहुल गांधी की सोच बताई जा रही है और वह चाहते हैं कि अध्यक्ष बनने से पहले यह प्रक्रिया शुरू हो जाए।
इस बारे में कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग से देश भर में कांग्रेस के राज्य प्रभारियों और अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुखों को पत्र लिखा गया है। इस छह पृष्ठ के पत्र में 21 कार्य चिन्हित किए गए हैं जो दलितों के भीतर पार्टी की पहुंच को कराने के लिए करने हैं। इनमें संबंधित राज्यों में कांग्रेस और बाबा साहेब की विचारधारा के स्तर पर एकता, संविधान की समानता की अवधारणा से लेकर सांगठनिक ढांचे को मजबूत करना और दलितों में नेतृत्व विकसित करना। इस बारे में आउटलुक को बताया अनुसूचित विभाग के प्रमुख के. राजू ने बताया कि पहली बार ऊपर से लेकर नीचे के स्तर तक के कार्यकर्ताओं को इतने ठोस काम नियोजित किए गए हैं। इन कामों की समीक्षा के लिए सितंबर को बैठक होगी। अंबेडकर की 125 जयंति पर एक साल के देश भर में लिए गए कार्यक्रम के बाद कांग्रेस का फिर एक साल का अंबेडकर पर प्रोग्राम लेना यह बताता है कि कांग्रेस दलित कार्ड पर लंबा खेलने के लिए अपने नीचे तक कार्यकर्ताओं को तैयार करना।
इस पूरी कवायद से कांग्रेस को चुनावी समर में कोई फायदा मिल पाएगा, ऐसा आश्वासन या दावा कोई कांग्रेसी नेता करने की स्थिति में नहीं है। लेकिन यह तय है कि नीचे तक हतोउत्साहित कांग्रेसी नेताओं को सक्रिय करने की एक नई कवायद शुरू की गई है।