राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे को लेकर सदन में चल रहे गतिरोध के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार सवालों से डरती है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सवालों से डर, सत्य से डर, साहस से डर…जो सरकार डरे, वो अन्याय ही करे।’’
गुरुवार को भी राज्यसभा सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोधी दलों ने संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरना दिया। विरोधी दलों ने काली पट्टी और काला मास्क लगाकर अपना विरोध जताया। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी विरोधी दलों के इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि निलंबन वापसी तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। माफी मांगने से साफ तौर पर इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर इन 12 सांसदों की गलती क्या है? ये तो लोगों की आवाज उठा रहे थे। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 5 राज्यों में आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार संसद को जानबूझकर चलने नहीं देना चाहती है, ताकि जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा न हो सके।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की बाकी अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।