अपने लोकसभा क्षेत्र अमेठी के दौरे पर गए राहुल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश को महंगाई की आग में झोंकने वाली भाजपा से सिर्फ कांग्रेस ही मजबूती के साथ लड़ रही है। देश की जनता के तो अच्छे दिन नहीं आए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिन जरूर आ गए हैं। राहुल के इस बयान के बाद अन्य विपक्षी दलों का क्या रुख रहता है यह देखने वाली बात होगी। लेकिन निश्चित तौर पर राहुल का दावा वाम दलों समेत अन्य विपक्षी पार्टियों को नाराज कर सकता है। इस मौके पर ग्राम प्रधानों की एक सभा को संबेधित करते हुए राहुल ने अमेठी में फूड पार्क और कागज मिल परियोजनाओं को रद्द किए जाने के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया और कहा कि कांग्रेस चाहती है कि केंद्र और प्रदेश के जितने भी कल्याणकारी कार्यक्रम हैं, वे सब ग्राम प्रधानों के जरिये ही संचालित हों।
राहुल अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दो दिन के दौरे पर हैं। दौरे के पहले दिन फुरसतगंज में आयोजित जनसभा में उन्होंने कहा कि देश में महंगाई अभूतपूर्व तरीके से बढ़ रही है, जिससे आम जनता बेहद परेशान है। उन्होंने कहा यह नहीं पता चल रहा है कि केंद्र में किसकी सरकार चल रही है। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी जी के चार-पांच खास लोगों की ही सरकार चल रही है। देश का बहुत बुरा हाल है। महंगाई चरम पर है। हम पूरे देश में इसके खिलाफ लड़ेंगे। देश में सिर्फ हमारी पार्टी ही भाजपा से मजबूती से लड़ रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने जमीन अधिग्रहण विधेयक को खत्म करने की तीन बार कोशिश की। तीनों ही बार कांग्रेस ने उन्हें रोका। फर्क देखा जाए, तो कांग्रेस की पिछली सरकार के विभिन्न विधेयकों में प्रधानों को शक्ति दी गई है, जबकि मोदी सरकार के विधेयकों में यह शक्ति छीन ली गई है।
राहुल ने रायबरेली जिले के छतोह ब्लाक में अमेठी संसदीय क्षेत्र के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों के सम्मेलन में कहा मेगा फूड पार्क और हिन्दुस्तान पेपर मिल के जरिये हम अमेठी का चेहरा बदल सकते थे। इससे 15-20 हजार लोगों को रोजगार मिलता। इन परियोजनाओं के लिये जमीन भी मिल गई थी लेकिन भाजपा नहीं चाहती कि यहां पर फूड पार्क और पेपर मिल बने। उन्होंने कहा कि फूड पार्क में 40 अलग-अलग कारखाने बनने थे। इससे किसानों को ज्यादा फायदा मिलता, मगर वह सब खत्म हो गया। हम चाहते हैं कि इसके बारे में ग्राम प्रधान भी आवाज उठाएं। इसके अलावा वे अपने अधिकारों में हो रही कटौती के खिलाफ भी इकट्ठा होकर आवाज उठाएं।