न्यूज वेबसाइट द वायर की एक खबर पर सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के कारोबार से जुड़ी खबर को लेकर सत्ता और विपक्ष आमने-सामने हैं। भाजपा की ओर से जहां इसे झूठा और अपमानजनक बताया जा रहा है, वहीं विपक्षी दलों ने इस मामले की जांच की मांग की है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और लेफ्ट की ओर से इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर जोरदार हमला बोला जा रहा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “हमें आखिरकार नोटबंदी का एकमात्र लाभार्थी मिल ही गया। यह आरबीआइ, गरीब या किसान नहीं है। ये नोटबंदी के शाह-इन-शाह हैं। जय अमित।”
We finally found the only beneficiary of Demonetisation. It's not the RBI, the poor or the farmers. It's the Shah-in-Shah of Demo. Jai Amit https://t.co/2zHlojgR2c
— Office of RG (@OfficeOfRG) 8 October 2017
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक रविवार को सिब्बल ने प्रेस कॉन्फेंस कर कहा, “आज हम प्रधानमंत्री-प्रधान सेवक से सवाल पूछते हैं। अब आप क्रोनी कैपिटलिज्म के बारे में क्या कहेंगे? क्या आप सीबीआइ को इस मामले की जांच का निर्देश देंगे? क्या आप प्रवर्तन निदेशालय को इन लोगों को गिरफ्तार करने का आदेश देंगे?”
सिब्बल ने कंपनी रजिस्ट्रार की फाइलिंग का हवाला देते हुए निशाना साधा कि कुसुम फिनसर्व एलएलपी को मध्यप्रदेश में पवन ऊर्जा क्षेत्र में एक ठेका मिला, जबकि यह कंपनी स्टॉक ट्रेडिंग का काम करती है। इस कंपनी का 60 प्रतिशत हिस्सा जय के पास है।
My press briefing on the the #Shah model of doing business https://t.co/BigWYXIqqf
— Kapil Sibal (@KapilSibal) 8 October 2017
इधर आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों की गहन जांच कराने और कार्रवाई करने की मांग की है। आप के नेता आशुतोष ने कहा, 2013 और 2014 में कंपनी घाटे में थी, कंपनी का रेवेन्यू मात्र 50 हजार था और 2015-16 में रेवेन्यू आया 80.5 करोड़ रुपये। उन्होंने कहा कि अमित शाह से भी पूछताछ होनी चाहिए कि कहीं किसी राजनीतिक दबाव में तो उनके बेटे को फायदा नहीं पहुंचाया गया है।
2013 और 2014 में कंपनी घाटे में थी, कंपनी का revenue मात्र 50 हज़ार था, और 2015-16 में revenue आया 80.5करोड़ रूपये - @ashutosh83B pic.twitter.com/I9CIDsymqa
— AAP (@AamAadmiParty) 8 October 2017
उन्होंने मांग की कि अमित शाह के बेटे, जय शाह पर एफआइआर दर्ज होनी चाहिए, उनकी कम्पनी की भी जांच होनी चाहिए।
अमित शाह के बेटे, जय शाह पर FIR दर्ज होनी चाहिए, उनकी कम्पनी की भी जांच होनी चाहिए- @ashutosh83B #ShahKaVikas pic.twitter.com/Euwamp2VL9
— AAP (@AamAadmiParty) 8 October 2017
सीपीआइ (एम) नेता सीताराम येचुरी ने कहा, “जैन हवाला डायरी मामले के बाद लालकृष्ण आडवाणी और भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण ने इस्तीफा दे दिया था। क्या मोदी सरकार के अंतर्गत अब ऐसा होगा।”
Serious corruption charges against BJP President's son need investigation. BJP Presidents eg Advani, Laxman had resigned on lesser charges. pic.twitter.com/dTXaUftM8P
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) 8 October 2017
‘द वायर’ ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) में दाखिल किए गए दस्तावेजों के आधार पर यह खबर की है। इस खबर का खंडन करते हुए जय शाह ने खबर लिखने वाली पत्रकार, द वायर के संपादकों और मालिकों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा करने की बात कही है।
पीयूष गोयल ने किया आरोपों को खारिज
रविवार शाम को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आरोपों को खारिज किया और जय अमित शाह का एक बयान जारी किया। इसमें अमित शाह के बेटे ने कहा है कि वह खबर चलाने वाली खबरिया वेबसाइट के लेखक, संपादक और मालिक पर 100 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा करेंगे। जय शाह के बचाव में जिस तरह केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आगे बढ़कर सफाई दी, उसे लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं।
We reject any allegation sought to be made against Shri @AmitShah's son Jay Shah : Shri @PiyushGoyal https://t.co/wYVSj5y2wD pic.twitter.com/ZsxI6YH992
— BJP (@BJP4India) 8 October 2017
भाजपा अध्यक्ष शाह के बेटे की ओर से जारी बयान में कहा है कि ‘द वायर’ के आलेख में उनके खिलाफ झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए हैं। ऐसा करने के पीछे मंशा लोगों को यह बताना है कि उनके व्यवसाय को पिता अमित शाह के कारण 'सफलता' मिली है। जबकि उनके सभी व्यापार पूरी तरह से वैध और कानून के दायरे में हैं, इस बात की पुष्टि टैक्स रिकार्ड्स और बैंक ट्रांज़ेक्शन से होती है। लेख में एकदम झूठे इल्ज़ाम लगाये गए हैं, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है।
Jay Shah has decided to file a criminal defamation for 100cr against the author, editor(s) and owner(s) of the website. #LiesAgainstShah pic.twitter.com/0AiHRcso1Q
— Amit Malviya (@malviyamit) 8 October 2017