राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ सोमवार को संसद के बजट सत्र का आगाज हुआ। अभिभाषण पर विपक्षी दलों ने निराशा जताते हुए कहा है कि इसमें देश और समाज के ज्वलंत मुद्दों का जिक्र तक नहीं किया गया है।
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कहा कि यह पुरानी शराब को नया लेबल लगाकर पेश करने जैसा था। अभिभाषण में पुरानी योजनाओं का ही जिक्र किया गया था। राज्यसभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि भाजपा ने 2014 में भारत की जनता से जो वादे किए थे उसे पूरा नहीं किया गया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर विपक्ष वास्तविकता को चर्चा के दौरान सामने लाएगा। अभिभाषण निराशाजनक और तथ्यों से परे है।
सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि देश और समाज के सामने कई बड़ी समस्याएं हैं। इनके समाधान के लिए तत्काल प्रयास शुरू करने की जरूरत है। लेकिन, सरकार ने इन मामलों पर चुप्पी साधी हुई है। अभिभाषण में भी इन मसलों का जिक्र नहीं किया गया।