नोटबंदी की पहली वर्षगांठ आठ नवंबर को विपक्षी दलों ने काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े आर्थिक सुधार के खिलाफ विपक्ष्ा देशभर में लामबंद दिख्ाेगा। यह बात दीगर है कि विपक्ष के करीब 18 नेतृत्वकारी राजनैतिक दल अपने-अपने प्रभ्ााव के राज्यों में इसकी रणनीति अपने हिसाब से तय करेंगे। यह विरोध हड़ताल, बंद, प्रदर्शन या अन्य किसी भ्ाी तरह का हो सकता है।
मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इस बात का एेलान किया। इस दौरान टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन और जदयू नेता शरद यादव भी मौजूद थ्ाे। सोमवार को विपक्ष के प्रमुख दलों की समन्वय समिति की बैठक में केंद्र सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसले का विरोध करने की रणनीति बनाई गई। जिसमें तय किया गया कि आठ नवंबर को देशभर में विपक्षी काला दिवस के रूप में मनाएंगे जिसके तहत विपक्ष के दल अपने हिसाब से राज्यों में विरोध जताएंगे।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्षी दल में 18 राजनैतिक पार्टियां शामिल हैं। यह सभी दल पिछले लोकसभा और राज्यसभा में एकजुट होकर मुद्दे उठाते रहे हैं लेकिन संसद के बाहर भी उनकी एकता जरूरी है ताकि जो नेता संसद में नहीं हैं वह इसमें शामिल हो सकें। विपक्षी दलों का नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही हैं। आठ नवंबर को नोटबंदी के फैसले को एक साल होने जा रहा है। तब देश में क्या हालात पैदा हुए थे, किसी से छिपा नहीं है। गैर आधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक, सरकार के इस फैसले से देश में तीन सौ से चार सौ लोगों की मौत हो गई। यह भी अजीब है कि किसी देश के प्रमुख के फैसले में बार-बार संसोधन करने पड़े। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तो पहले ही कह चुके थे कि इस फैसले से दो फीसदी तक जीडीपी गिर जाएगी। देश में बेरोजगारी को लगातार बढ़ावा मिला और उद्योग धंधे बंद हो गए। देश से आतंकवाद खत्म होने की बात भी गलत साबित हुई। कहीं कोई काला धन नहीं मिल पाया।
कांग्रेस नेता ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर कहा कि साढ़े तीन साल में सरकार वहां के हालात सुधारने में नाकाम रही है। वहां की समस्या का हल, कोई कठिन फैसला लेने के बजाय सभी स्टेक होल्डर्स के साथ मिल बैठकर ही, हो सकता है जिसके लिए पहले कई बार केंद्र सरकार को कहा भी गया है। टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने नोटबंदी को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया और कहा कि इस फैसले का विपक्षी दल एकजुट होकर विरोध करेंगे।