जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों की हत्या को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार सुबह केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने इस घटना को "खुफिया तंत्र की विफलता" बताया और कहा कि सरकार को अपनी आतंकवाद निरोधी नीति पर गंभीरता से मंथन करना चाहिए।
ओवैसी ने कहा, "यह खुफिया तंत्र की विफलता भी है। सरकार को यह विश्लेषण करना होगा कि क्या उसकी आतंकवाद को रोकने की नीति वास्तव में प्रभावी है। यह हमला उरी और पुलवामा हमलों से भी अधिक निंदनीय है, क्योंकि इस बार आतंकियों ने निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया है। यह एक जनसंहार है। हम सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले में जवाबदेही तय की जाए।"
रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकियों ने देशभर से आए पर्यटकों को बैसरण की घास की वादी में घेर कर हमला किया। ओवैसी ने इस बर्बर घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि AIMIM पार्टी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती है।
उन्होंने कहा, "आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों की पहचान कर, उनके धर्म पूछकर उन्हें मौत के घाट उतारा। हम पहलगाम में जो कुछ हुआ उसकी कड़ी निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि सरकार इन आतंकवादियों को सख्त सजा देगी। हम उन सभी परिवारों के साथ हैं जिनके प्रियजनों को आतंकियों ने मार डाला और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं।"
इस आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष के बाहर पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात कर श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना और सुरक्षा बलों ने हमलावरों की तलाश के लिए सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। बढ़े हुए सुरक्षा उपायों के तहत भारतीय सेना ने श्रीनगर और आसपास के क्षेत्रों में अपने उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) ध्रुव की सीमित उड़ानों को अनुमति दी है।
इस हमले के बाद पीड़ितों के शवों को श्रीनगर हवाई अड्डे पर लाया गया, जहां से उन्हें उनके गृह राज्यों तक भेजा गया। राज्य सरकारों के कई प्रतिनिधि श्रीनगर पहुंचकर पीड़ितों और पर्यटकों की वापसी सुनिश्चित करने में जुटे हैं।
यह आतंकी हमला, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दिल्ली और मुंबई के लिए चार अतिरिक्त फ्लाइट्स का प्रबंध किया है। जानकारी का मुताबिक एयरलाइंस के साथ समन्वय कर और उड़ानों की व्यवस्था की जा रही है।
पहलगाम का यह इलाका आमतौर पर पर्यटकों से गुलजार रहता है, लेकिन हमले के बाद यहां की सड़कें सुनसान हो गई हैं। सुरक्षा कारणों से कई पर्यटकों ने अपनी यात्राएं बीच में ही रोक दी हैं। वहीं, कई संगठनों ने इस हमले के खिलाफ जम्मू बंद का आह्वान किया है। पूरे देश में इस घटना को लेकर गुस्सा है और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।