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ललित मामले के पत्र सार्वजनिक हों – चिदंबरम

भाजपा के शीर्ष नेताओं वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज से जुड़ा ललितगेट विवाद गहराता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम भी कूद गए हैं। चिदंबरम ने ललित मोदी मामले में संप्रग सरकार के दौरान ब्रिटेन के अधिकारियों को लिखे गए सभी पत्रों को सार्वजनिक करने की मांग की जिसमें बारे में उनका कहना है कि इससे कांग्रेस और उनके खिलाफ सभी आरोपों का जवाब मिल जाएगा।
ललित मामले के पत्र सार्वजनिक हों – चिदंबरम

पूर्व आईपीएल आयुक्त ललित मोदी की मदद करने के लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग ने जोर पकड़ लिया है। इस मामले में कांग्रेस की ओर से भाजपा पर हमला उस समय और तेज हो गया है जब ललित मोदी की ओर से दावा किया गया कि वसुंधरा राजे ने ब्रिटेन में उनकी आव्रजन याचिका पर लिखित में उनका समर्थन किया था और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ उनका पारिवारिक संबंध है। मोदी ने यह भी कहा कि सुषमा के पति और उनकी बेटी ने उन्हें नि:शुल्क कानूनी सेवा भी दी थी।

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री  चिदंबरम ने आज अपने ट्वीट में लिखा, ‘संप्रग के खिलाफ ललित मोदी के आरोपों का पूरा जवाब ब्रिटेन के चांसलर को लिखे पत्र से मिल सकता है। इन्हें जारी किया जाए।’ ललित मोदी ने कल रात टेलीविजन पर साक्षात्कार में कांग्रेस और चिदंबरम पर राजनीतिक बदले के तहत निशाना साधने का आरोप लगाया था जो आईपीएल घोटाले के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर के मंत्री पद गंवाने से संबंधित है।

 

दो साल से भी पहले तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ब्रिटिश सरकार से पूछा था कि वह पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है जो धन शोधन (मनी लॉड्रिंग) समेत व्यापक वित्तीय अनियमितता के मामले में आरोपी है और लंदन में शरण लिए हुए हैं।

 

चिदंबरम ने इस विषय को 2013 में चांसलर ऑफ द एक्सचेकर जॉर्ज ओसबोर्न के साथ बैठक में उठाया था। वह चाहते थे कि ब्रिटेन ललित मोदी को वापस भेजे क्योंकि भारत में उनका पासपोर्ट जब्त हो गया था और उनके ब्रिटिश वीजा की अवधि समाप्त हो गई थी।

 

ललित गेट में नए खुलासे से इसमें वसुंधरा राजे का नाम जुड़ने के बाद कांग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने भी ललित मोदी की मदद करने के लिए राजे और सुषमा के इस्तीफे की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में उनकी चुप्पी से स्पष्ट होता है कि इन नेताओं को प्रधानमंत्री का मौन समर्थन प्राप्त है।

 

मोदी का मौन टूटा, राजे-स्वराज परेशानी में

 

स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री की मुश्किलें ललित मोदी के उस खुलासे के बाद बढ़ गईं हैं जिसमें उन्होंने कहा, कि दो साल पहले कैंसर का इलाज करा रही उनकी पत्नी के साथ वसुंधरा राजे पुर्तगाल गई थीं। आईपीएल के पूर्व आयुक्त की यह टिप्पणी इस समय काफी महत्व रखती है क्योंकि उनका यह बयान इस खबर के कुछ ही घंटे बाद आया कि राजे ने ब्रिटेन में आव्रजन के संबंध में उनके मामले में ब्रिटिश अधिकारियों के समक्ष अगस्त 2011 में गवाह के तौर पर बयान दिया था। जिसे उन्होंने भारत से फरार होने के बाद आधार बनाया था जहां वह धन शोधन और फेमा उल्लंघन के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।

 

राजे का तथाकथित बयान ललित मोदी खेमे की ओर से सार्वजनिक किया गया था लेकिन उसी रात मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी दस्तावेज की जानकारी नहीं है। अपने साक्षात्कार में ललित मोदी ने कहा था, ‘वसुंधरा राजे से मेरा संबंध 30 साल पुराना है। इन संबंधों के बारे में सभी को पता है।’ उन्होंने कहा कि वह उनके परिवार और पत्नी की लंबे समय से करीबी मित्र हैं। इसलिए वह गवाह बनने को तैयार हो गईं। लेकिन दुर्भाग्य से जब मामला सुनवाई के लिए गया तब वह मुख्यमंत्री बन चुकी थीं, इसलिए वह गवाही के लिए नहीं आईं। उन्होंने जो बयान दिए वह सभी अदालत के रिकॉर्ड के रूप में हैं।

 

सुषमा स्वराज के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर ललित मोदी ने कहा,  ‘विषय यह नहीं है। मैं कई राजनीतिकों के काफी करीब हूं, केवल सुषमा स्वराज के ही नहीं।’ उन्होंने कहा,  ‘मेरी पत्नी को कौन पुर्तगाल ले गया, वसुंधरा राजे ले गईं। यह बात कोई नहीं जानता, मैं इसे रिकॉर्ड के रूप में रख रहा हूं।’ उन्होंने कहा कि राजे 2012 और 2013 में उनकी पत्नी मीनल के साथ गई थीं।

 

 

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