कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को पहलगाम आतंकवादी हमले को भारतीय राज्य पर सीधा हमला करार दिया और कहा कि इस समय पूरा देश आतंकवादियों से लड़ने के लिए सरकार के साथ है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह आतंकवादियों का पता लगाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दे।
खड़गे ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी और आतंकवादियों ने कल दोपहर करीब 2:30 बजे निर्दोष और बेखबर पर्यटकों की नृशंस हत्या कर दी। इससे हम सभी को गहरा आघात, सदमा और दुख पहुंचा है। कांग्रेस पार्टी इस कायराना आतंकी कृत्य और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की कड़े शब्दों में निंदा करती है।"
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमला हमारे देश की एकता और अखंडता पर सीधा हमला है।
उन्होंने कहा, "वर्ष 2000 में हुए भयावह चित्तीसिंहपुरा नरसंहार के बाद से यह आतंकवादियों और अलगाववादियों द्वारा किया गया सबसे निर्लज्ज और घृणित प्रयास है। हम दृढ़ता से दोहराते हैं कि जिन लोगों ने निहत्थे और निर्दोष नागरिकों की हत्या की है, वे इंसान नहीं हो सकते।"
उन्होंने कहा कि कल देर शाम उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जो कश्मीर में थे, और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तथा वहां के कांग्रेस नेताओं से बात की तथा जानकारी जुटाई, एआईसीसी प्रमुख ने कहा, "शाह ने मुझे बताया कि वे उस क्षेत्र में कठोर कार्रवाई करने जा रहे हैं।" उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमले पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 24 अप्रैल को सुबह 11 बजे नई दिल्ली स्थित एआईसीसी कार्यालय में होगी।
खड़गे ने कहा कि यह समय पक्षपातपूर्ण राजनीति का नहीं है, "यह सामूहिक संकल्प का समय है, ताकि इस आतंकी हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाकर अपनी जान गंवाने वालों और उनके शोकाकुल परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया जा सके।" उन्होंने कहा, "इस समय हम सभी सरकार के साथ हैं और हमें मिलकर ऐसी घटनाओं, आतंकवादियों और हमारे खिलाफ लड़ने वालों से लड़ना है। हम देश को बचाने और देश की एकता और अखंडता के लिए एकजुट होंगे।"
पूरा देश सदमे में है और एक पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली है। खड़गे ने कहा, "हमें इसका माकूल जवाब देना चाहिए और इस मामले में हम सब एक हैं और हम लड़ेंगे।"
उन्होंने कहा, "हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह आतंकवादी को पकड़ने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाए, अब लगभग 22 घंटे हो चुके हैं। सरकार को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था में पर्यटकों का भरोसा बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।"