भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक के लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की युवा शाखा बजरंग दल के खिलाफ कार्रवाई के कांग्रेस के चुनावी वादे का करारा जवाब देंगे।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उसका यह रुख तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित है। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा कर भगवान हनुमान का अपमान किया है।
विपक्षी दल पर हमला बोलते हुए त्रिवेदी ने पूछा कि क्या कोई राज्य सरकार किसी संगठन पर प्रतिबंध लगा सकती है। उन्होंने याद दिलाया कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद 1992 में आरएसएस के साथ ही बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन इसे कुछ ही महीनों के भीतर हटाना पड़ा था क्योंकि सरकार इस मामले पर फैसला सुनाने वाले न्यायाधिकरण के समक्ष कोई सबूत पेश नहीं कर सकी थी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार के पद छोड़ने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यह क्षेत्रीय पार्टी का आंतरिक मामला है लेकिन यह घटनाक्रम दर्शाता है कि महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के भीतर किस प्रकार का समन्वय है।
कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को जारी अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा कि कांग्रेस जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच ”नफरत फैलाने” वाले बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें कहा गया है कि कार्रवाई में ऐसे संगठनों के खिलाफ ‘प्रतिबंध’ भी शामिल होगा।