कांग्रेस के राष्टीय प्रवक्ता पूनिया ने भाषा के साथ बातचीत में कहा, राहुल की इस यात्रा से पहले लोग यह मानकर चल रहे थे कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश के चुनाव में कहीं मुकाबले में भी नहीं है। मगर अब ऐसा नहीं है। इस यात्रा ने जमीन स्तर पर स्थिति को बदल दिया है। अब कांग्रेस न सिर्फ मुकाबले में आ गई है, बल्कि सत्ता की प्रबल दावेदार बन गयी है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, कांग्रेस को वोट देने वाले बहुत सारे लोगों के मन में यह धारणा थी कि यह पार्टी राज्य की सत्ता में नहीं आएगी। राहुल जी की इस यात्रा से यह धारणा भी बदल गई है। उनकी यात्रा के दौरान सड़कों और सभाओं में उमड़ी भीड़ इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।
राहुल की यह यात्रा सितम्बर महीने के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से आरंभ हुई। करीब 2500 किलोमीटर की यात्रा अगले कुछ दिनों में दिल्ली के निकट एक सभा के साथ संपन्न होगी। इस यात्रा के दौरान राहुल मुख्य रूप से किसानों, दलितों, अल्पसंख्यकों और ब्राहमणों को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कई स्थानों पर खाट सभाएं आयोजित की हैं।
पूनिया ने कहा, उत्तर प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं को देख लीजिए। सिवाय प्रेस कांफ्रेंस और बयानबाजी के वे कुछ नहीं कर रहे। जनता से उनका कोई सीधा संवाद नहीं है लेकिन राहुल गांधी इकलौते ऐसे नेता हैं जो जनता के बीच में हैं और उनकी समस्याएं सुन रहे हैं। जनता भी इसको देख रही है।
पूनिया ने इस बात को खारिज कर दिया कि कांग्रेस मुख्य रूप से ब्राहमण समुदाय को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है और इसी वजह से उसने शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है।
उन्होंने कहा, ऐसा बिल्कुल नहीं है। शीला दीक्षित जी का लंबा अनुभव है और मुख्यमंत्री के तौर पर बहुत अच्छा टैक रिकॉर्ड है। हमारी पार्टी जाति और संप्रदाय की राजनीति नहीं करती। हमें विश्वास है कि कांग्रेस को इस बार सभी समुदायों का समर्थन हासिल होगा और हम पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।
राज्य में कुछ छोटे दलों के साथ गठबंधन के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, फिलहाल गठबंधन के बारे कोई फैसला नहीं हुआ है। आगे अगर ऐसा कुछ होगा तो उस बारे में पार्टी आलाकमान निर्णय लेगा। परंतु वर्तमान समय में ऐसा कुछ नहीं है। पूनिया ने दावा किया कि जनता केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की अखिलेश सरकार दोनों से निराश है।
उन्होंने कहा, मोदी सरकार को ढाई साल हो गए, लेकिन उन्होंने जो वादे किए थे उनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। जनता उनसे हिसाब मांगेगी। राज्य सरकार की स्थिति सबके सामने हैं। इन दोनों सरकारों को जनता के सामने जवाब देना होगा। भाषा एजेंसी