कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प को लेकर मंगलवार को सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया और दावा किया कि जब भी देश की सुरक्षा और अखंडता की बात आती है, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने मंत्रियों के पीछे छिप जाते हैं।
मुख्य विपक्षी दल ने यह सवाल भी किया कि चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए सरकार के पास क्या कूटनीतिक रणनीति है?
कांग्रेस ने इस विषय को मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में उठाया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद स्पष्टीकरण और चर्चा की मांग करते हुए राज्यसभा से पार्टी के सदस्यों ने वाकआउट भी किया।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम लगातार चीन के मुद्दे को सदन में उठाते रहे हैं। आज भी हम चर्चा करना चाहते थे, लेकिन रक्षा मंत्री ने जवाब दिया और चले गए। जब सदन में हमने सवाल पूछना चाहा तो हमारी बात नहीं सुनी गई, इसलिए हमने वॉकआउट किया।’
उनका कहना था, ‘‘यह सदन की परिपाटी रही है कि जब मंत्री कोई बयान देता है तो उस पर स्पष्टीकरण मांगा जाता है, लेकिन रक्षा मंत्री के बयान के बाद स्पष्टीकरण का मौका नहीं दिया गया। सरकार ने अपनी गलती छिपाने के लिए स्पष्टीकरण नहीं दिया।’’
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं। क्या लोकतंत्र के मंदिर में हमें सीमा की स्थिति के बारे में जानने का हक नहीं है? सरकार जवाब क्यों नहीं दे रही है? वह जनता की आंख में धूल क्यों झोंक रही है? ’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘इस विषय पर सरकार का दोहरा रवैया है। यह दोहरा रवैया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के कारण है। मोदी जी ने पिछली बार सर्वदलीय बैठक में चीन को क्लीनचिट दिया। उनकी बातों को सही साबित करने के लिए सरकार हमें गुमराह कर रही है।’’
गोगोई ने दावा किया, ‘‘ मोदी जी को अपनी छवि देश की अखंडता से ज्यादा प्यारी है। जब देश की सुरक्षा और अखंडता का सवाल आता है तो प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों के पीछे छिपते हैं। कभी विदेश मंत्री के पीछे छिपते हैं, कभी रक्षा मंत्री और कभी गृह मंत्री के पीछे छिप जाते हैं।’’
गोगोई के अनुसार, ‘‘चीन के साथ 16 बार बैठकें हो चुकी हैं। इसके बाद चीन यह साहस दिखा रहा है कि वह लद्दाख को छोड़कर अब पूर्वोत्तर की ओर नजर गड़ा रहा है। भारत सरकार की बातचीत का कोई नतीजा नहीं दिख रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सभी दलों को लेकर रणनीति बनानी चाहिए, लेकिन सरकार को सांप्रदायिक राजनीति के चक्कर में इसका समय कहां है?’’
गोगोई ने सवाल किया, ‘‘ये छोटे-छोटे ऐप को प्रतिबंधित करके किसको डरा रहे हैं? क्या हम यह संदेश दे रहे हैं कि सीमा पर चीन आक्रामकता दिखाएगा, तो हम उसके ऐप बंद कर देंगे? भारत सरकार की कूटनीतिक रणनीति क्या है? ’’ उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण एशिया में चीन का असर बढ़ता जा रहा है। आसियान के साथ हमारे पहले जैसे रिश्ते नहीं रहे। अगर चीन के दुस्साहस का जवाब देना है, तो विभिन्न देशों को साथ लेना पड़ेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी कहते हैं कि मोदी जी, डरिए मत। चीन का नाम लीजिए और भारत की सेना और जनता को विश्वास दीजिए कि आपने पहले जो कहा था, वो गलत था।’’
गोगोई ने कहा, ‘‘एक तरफ देश के रक्षा मंत्री कहते हैं कि चीन ने हमारी सीमा के अंदर हजारों वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है और दूसरी तरफ गृहमंत्री कहते हैं कि एक इंच भी नहीं देंगे। इस प्रकार के दो संदेश क्यों? क्यों आप देश से सच्चाई छिपाना चाहते हैं? ’’