नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर विपक्ष की घेराबंदी के बीच मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इस मुद्दे पर बैकफुट पर नहीं जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सीएए पर रक्षात्मक होने की कोई जरूरत नहीं है और एनडीए नेताओं से संसद में मजबूती से सीएए का आक्रमक रूप से जबाव देने को कहा।
विपक्षी दल लगातार सीएए को भेदभावपूर्ण होने का आरोप लगाते रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून पर कुछ भी गलत नहीं किया है और उसे बचाव में आने की कोई जरूरत नहीं है। बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में पीएम मोदी के नेतृत्व में फिर से विश्वास जताते हुए कहा गया कि एनडीए चट्टान की तरह उनके पीछे खड़ा है। प्रस्ताव में कहा गया कि नागरिकता कानून के ज़रिए महात्मा गांधी के सपने को साकार किया गया।
गठबंधन करता है विविधता का प्रतिनिधित्व
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं ने त्रिपुरा में ब्रू जनजाति के सदस्यों के पुनर्वास और बोडो समझौते के लिये प्रधानमंत्री की सराहना की। पीएम नरेंद्र मोदी ने एनडीए परिवार के साथ बैठक में कहा कि हमारा गठबंधन भारत की विविधता और गतिशीलता का प्रतिनिधित्व करता है। एनडीए ने अपने समर्थक और सुशासन से जुड़े विकास कार्यक्रमों के लिए एक पहचान बनाई है जो लाखों लोगों को सशक्त बना रहे हैं।
विपक्षी उठाएंगे देशव्यापी विरोध का मुद्दा
विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे सत्र में सीएए के खिलाफ देशव्यापी विरोध का मुद्दा उठाएंगे। विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार पर अहंकारी है और उसने प्रदर्शनकारियों तक पहुंचने के लिए कोई प्रयास नहीं करने का आरोप लगाया।