कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। कुमारस्वामी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का बेंगलुरु आना इसरो वैज्ञानिकों के लिए अपशगुन साबित हुआ। प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि पीएम मोदी बेंगलुरु इस तरह से आए, जैसे वो खुद चंद्रयान-2 की लैंडिंग करवाने वाले थे और संदेश भेजने वाले थे।
कुमारस्वामी ने मैसूर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘मैं नहीं जानता, लेकिन संभवत: वहां उनके कदम रखने का समय इसरो वैज्ञानिकों के लिए अपशगुन लेकर आया।' प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि मोदी ऐसे बेंगलुरु आए थे, मानो वो खुद चंद्रयान-2 को उड़ा रहे हों। शायद पीएम का इसरो में कदम रखना वैज्ञानिकों के लिए सही नहीं रहा। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने इसके लिए 10 साल कड़ी मेहनत की। साल 2008 में ही कैबिनेट ने इसके लिए मंजूरी दे दी थी।
चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से टूट गया थाइसरो का संपर्क
बता दें कि चांद पर लैंडिंग से पहले चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया था। विक्रम की लैंडिंग के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेंगलुरु स्थित इसरो के मुख्यालय पर मौजूद थे। अब इसरो अपने डीप स्पेस नेटवर्क (डीएसएन) के जरिए चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क करने की कोशिश में जुटा है। इस काम में नासा भी इसरो की मदद के लिए सामने आया है।
इसरो के एक अधिकारी के मुताबिक, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) विक्रम को रेडियो सिग्नल भेज रही है। साथ ही नासा अपने मून ऑर्बिटर से विक्रम लैंडर की लैंडिंग साइट की तस्वीर लेने की भी कोशिश कर रहा है। अगर विक्रम लैंडर की तस्वीर मिलती है या फिर संपर्क होता है, तो नासा इसको इसरो के साथ साझा करेगा।
कुमारस्वामी ने बीएस येदियुरप्पा पर भी बोला हमला
इस दौरान कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को सभी मामलों में केंद्र के सामने ‘लाचार' बताते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार में किसी में भी किसी बात के लिए प्रधानमंत्री से संपर्क करने का साहस नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसका एक उदाहरण वह है जब प्रधानमंत्री ने इसरो मुख्यालय में छह और सात सितंबर के बीच की रात मौजूद मुख्यमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों को वहां से जाने का इशारा किया।
कुमारस्वामी ने कहा, ‘मुख्यमंत्री (येदियुरप्पा) और एक उप मुख्यमंत्री वहां गए थे... उनके साथ दो से तीन केंद्रीय मंत्री भी थे।' उन्होंने कहा कि मोदी ने उन्हें वहां से जाने का इशारा किया और कहा कि उन्हें वहां रहने की आवश्यकता नहीं है और वे लोग वहां से चले आए।