प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की शुभकामनाएं दीं और इस अवसर पर ‘वोकल फॉर लोकल’ के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की शुभकामनाएं! हमें अपने देश में हथकरघा की समृद्ध विरासत और जीवंत परंपरा पर बहुत गर्व है। हम अपने कारीगरों के प्रयासों को भी संजोते हैं और ‘वोकल फॉर लोकल’ की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।’
प्रधानमंत्री देश की कला और शिल्प कौशल की समृद्ध परंपरा को जीवित रखने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को प्रोत्साहन व नीतिगत समर्थन देने के दृढ़ समर्थक रहे हैं।
इस दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, सरकार ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाना शुरू किया। पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस सात अगस्त 2015 को मनाया गया था। स्वदेशी आंदोलन के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में इस तारीख को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाने के लिए चुना गया था।
स्वदेशी आंदोलन 7 अगस्त 1905 को शुरू हुआ था और इसने स्वदेशी उद्योगों, विशेष रूप से हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित किया था। इस साल 10वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है।