भाजपा के एक लोकसभा सदस्य ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस्कॉन भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई में हस्तक्षेप करने की मांग की, जिन्हें देशद्रोह के आरोप में बांग्लादेश की जेल में बंद किया गया है।
उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि धर्म का अपमान, हिंसा और अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
अभिनेता से राजनेता बने सिंह ने कहा, "हम चुप नहीं रह सकते। यह कूटनीति का मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारी भावनाओं और श्री कृष्ण के प्रति भक्ति से जुड़ा है।"
मालिनी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार इस्कॉन भिक्षु को रिहा कर देगी।
असम के दारांग-उदलगुड़ी का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सदस्य दिलीप सैकिया चाहते थे कि संसद एक प्रस्ताव पारित करे, जिससे बांग्लादेश सरकार को संदेश दिया जा सके कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार पूरी तरह से बंद हो।
सैकिया ने कहा कि 1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद से लाखों बांग्लादेशी मुसलमान असम में घुसपैठ कर चुके हैं और राजनीतिक और चुनावी प्रणाली में निर्णायक कारक बन गए हैं।
फिरोजिया ने कहा कि बांग्लादेश में कोई वकील उपलब्ध नहीं है और जो उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार था, वह जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है।