नरेन्द्र मोदी ने कहा, "मैं देश के वर्तमान माहौल की और अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं और अपनी नाराजगी भी व्यक्त करता हूं।" उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसी को मारना गोरक्षा है?
पीएम ने कहा, “जो देश चींटी को भी कुछ खिलाने पर विश्वास रखता है, जो देश गली में कुत्ते को भी कुछ खिलाने पर भी विश्ववास रखता है उस देश को क्या हो गया है कि अस्पताल में हम किसी मरीज को बचा ना पाएं। इसके बाद अचानक परिवार वाले अस्पताल को जला दे, डॉक्टरों को मार दे ये गलत है।
मोदी ने कहा कि कहीं एक्सिडेंट होने पर भी लोग एक दूसरे को मारने पर उतारू हो जाते हैं। गाय की रक्षा, गौ की भक्ति महात्मा गांधी, विनोबा जी से बढ़कर कोई नहीं कर सकता है। देश को उसी रास्ते पर चलना होगा। उन्होंने कहा, “विनोबा जी ने जीवन भर गौ रक्षा के लिए काम करते रहे, मैं उनसे भी मिला भी था। पीएम मोदी बोले कि देश को अहिंसा के रास्ते पर चलना ही होगा।”
इस दौरान पीएम ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम का भी दौरा किया। उन्होंने चरखा भी चलाया। उसके बाद आश्रम में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने देश भर में भीड़ के द्वारा हो रही हिंसा को लेकर यह बात कही।