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'बिहार की जनता माफ नहीं करेगी', मां पर टिप्पणी को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस-आरजेडी पर हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार में पिछले सप्ताह वोटर अधिकार यात्रा के एक कार्यक्रम के...
'बिहार की जनता माफ नहीं करेगी', मां पर टिप्पणी को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस-आरजेडी पर हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार में पिछले सप्ताह वोटर अधिकार यात्रा के एक कार्यक्रम के दौरान उनके और उनकी मां के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह अपमानजनक टिप्पणी सिर्फ उनकी मां का ही अपमान नहीं है, बल्कि देश की सभी माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि बिहार की परम्पराओं से समृद्ध धरती पर ऐसा कुछ घटित होगा। उन्होंने माताओं को सबका "स्वाभिमान" और "संसार" भी बताया। 

पीएम ने कहा, "माँ हमारा संसार है। माँ हमारा स्वाभिमान है। इस परम्परा से समृद्ध बिहार में कुछ दिन पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।बिहार में RJD-कांग्रेस के मंच से मेरी माँ को गालियाँ दी गईं। ये गालियाँ सिर्फ़ मेरी माँ का अपमान नहीं हैं। ये देश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान है। मैं जानता हूँ। आप सभी को, बिहार की हर माँ को, ये देखकर और सुनकर कितना बुरा लगा होगा! मैं जानता हूँ, जितना दर्द मेरे दिल में है, उतना ही दर्द बिहार के लोगों को भी है।" 

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपनी माँ से इसलिए अलग हुए ताकि देश की अन्य महिलाओं की सेवा कर सकें। उन्होंने कहा कि उनकी माँ, जिनका 100 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद निधन हो गया और जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था, को राजद और कांग्रेस की सरकारों ने प्रताड़ित किया।

उन्होंने कहा, "मेरी मां ने मुझे अपने से अलग कर दिया, ताकि मैं आप जैसी करोड़ों माताओं की सेवा कर सकूं। आप सब जानते हैं कि अब मेरी मां जीवित नहीं हैं। कुछ समय पहले, 100 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद, वो हम सबको छोड़कर चली गईं। मेरी वो मां, जिसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था, जो अब नहीं रही, उसे राजद, कांग्रेस के मंच से गालियां दी गईं। बहनों और माताओं। मैं आपके चेहरे देख सकता हूं, मैं केवल कल्पना कर सकता हूं कि आपको कितना दर्द हुआ होगा। मैं कुछ माताओं की आंखों में आंसू देख सकता हूं। यह बहुत दुखद है, दर्दनाक है।"

इससे पहले, पीएम मोदी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएमएस सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की उपस्थिति में बिहार राज्य जीविका निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड का वर्चुअली शुभारंभ किया।

उन्होंने इस योजना के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार को बधाई दी और इसे एक "अद्भुत पहल" बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि भारत के विकास का एक बड़ा आधार देश की महिलाओं का सशक्तिकरण है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं जीविका सहकारी संघ के लिए बिहार की माताओं और बहनों को बधाई देता हूं और इस अद्भुत पहल के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार की एनडीए सरकार को भी बधाई देता हूं। भारत के विकास का एक बड़ा आधार महिलाओं का सशक्तिकरण है और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए यह आवश्यक है कि उनके जीवन से सभी प्रकार की कठिनाइयां दूर हों। इसीलिए हम माताओं, बहनों और बेटियों के जीवन को आसान बनाने के लिए अनेक कार्य कर रहे हैं।"

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जीविका निधि की स्थापना का प्राथमिक उद्देश्य जीविका से जुड़े सामुदायिक सदस्यों को सस्ती ब्याज दरों पर धन तक आसान पहुंच प्रदान करना है। जीविका के अंतर्गत पंजीकृत सभी संकुल स्तरीय संघ सहकारी समिति के सदस्य बनेंगे। बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनों संस्था के संचालन के लिए वित्तीय योगदान देंगी।

जीविका के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं में उद्यमिता का विकास पिछले कुछ वर्षों में हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक लघु उद्यम और उत्पादक कंपनियाँ स्थापित हुई हैं। हालाँकि, महिला उद्यमियों को अक्सर सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो 18-24 प्रतिशत की ऊँची ब्याज दर वसूलते हैं। 

जीविका निधि की परिकल्पना एक वैकल्पिक वित्तीय प्रणाली के रूप में की गई है ताकि सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर निर्भरता कम की जा सके और कम ब्याज दरों पर समय पर बड़ी ऋण राशि उपलब्ध कराई जा सके।

यह प्रणाली पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर संचालित होगी, जिससे जीविका दीदियों के बैंक खातों में सीधे तेज़ और अधिक पारदर्शी धनराशि हस्तांतरण सुनिश्चित होगा। इसे सुगम बनाने के लिए, 12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट से लैस किया जा रहा है।

इस पहल से ग्रामीण महिलाओं में उद्यमिता विकास को मज़बूती मिलेगी और समुदाय-आधारित उद्यमों के विकास में तेज़ी आएगी। बिहार राज्य भर से लगभग 20 लाख महिलाएँ इस कार्यक्रम की साक्षी बनेंगी।

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