कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम) ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महाराष्ट्र के वर्धा में सांप्रदायिक बयान दिए जाने का आरोप लगाया है तथा इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य नीलोत्पल बसु ने मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर कहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता का गंभीर रूप से उल्लंघन किया जा रहा है।
बसु ने कहा कि वर्धा में एक अप्रैल को चुनाव रैली में मोदी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत के फैसले का जिक्र करते हुये एक सांप्रदायिक बयान दिया। इसमें उन्होंने इस मामले के आरोपी की तुलना पूरे हिंदू समुदाय से की।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए आयोग करे कार्रवाई
माकपा ने ऐसे अन्य मामलों का जिक्र करते हुये आयोग से इन शिकायतों पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें। बसु ने सरकारी प्रसारण सेवा से जुड़े समाचार चैनल दूरदर्शन द्वारा ट्वीट कर लोगों से मोदी के ‘मैं भी चौकीदार कार्यक्रम’ को देखने की अपील किए जाने का जिक्र करते हुये कहा कि यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये मोदी को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करना था।
भाजपा नेता कर रहे हैं आचार संहिता का उल्लंघन
बसु ने आयोग को पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई का सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं द्वारा चुनावी लाभ लेने के लिये अपने प्रचार अभियान में जिक्र किये जाने का भी मामला उठाया। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा इस पर सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं को साफतौर पर बताए जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गाजियाबाद में भारतीय सेना को ‘मोदी जी की सेना’ कहा। बसु ने इन सभी मामलों में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।