कर्नाटक में पिछले दो सप्ताह से चल रहा राजनीतिक संकट अभी थमता नहीं दिख रहा है। रविवार को दो कांग्रेस विधायकों के बीच रिजॉर्ट के अंदर मारपीट की खबर सामने आई, वहीं चार कांग्रेस विधायकों के बारे में अभी पार्टी की चिंता बनी हुई है। ये विधायक शुक्रवार को बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे थे। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने एक बार फिर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। सभी विधायकों को इस बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि रविवार को कांग्रेस विधायकों के बीच मारपीट हो गई थी जिसमें आनंद सिंह चोटिल हो गए।
सिद्धारमैया ने सोमवार सुबह 11 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। इससे पहले 18 जनवरी को भी सिद्धारमैया ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी।
विधायकों के बीच मारपीट
शुक्रवार रात को रिजॉर्ट पहुंचे विधायकों के बीच मारपीट की खबर तब सामने आई जब एक विधायक आनंद सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, बेंगलुरू के रिजॉर्ट में जेएन गणेशन ने आनंद सिंह के सिर पर बोतल मार दी।
इसे लेकर कर्नाटक सरकार में मंत्री जमीर अहमद ने कहा- सभी लोग दोस्त हैं। उनके बीच बहस हो रही थी। यह दोस्तों के बीच होता है। यह दोस्तों का छोटा सा झगड़ा था। किसी को कई टांके नहीं आए हैं। ना ही खून निकला है।
कांग्रेस ने किया खारिज
कांग्रेस ने इन खबरों को खारिज किया है लेकिन रविवार को उसके कई नेता अस्पताल जाते हुए दिखाई दिए हैं। अपोलो अस्पताल से वापस लौटने के बाद कांग्रेस नेता रघुनाथ ने कहा कि उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार ने विधायकों के बीच हुई हाथापाई की रिपोर्ट्स का खंडन किया है। वहीं उनके भाई डीके सुरेश अस्पताल में दिखाई दिए। डीके शिवकुमार ने विधायक आनंद सिंह और जेएन गणेश के बीच हुई लड़ाई की रिपोर्ट्स पर कहा, 'उनके बीच कोई लड़ाई नहीं है। आपने देखा कि वह सभी साथ आए और साथ गए थे। यह फर्जी खबर है। पूरी कांग्रेस पार्टी एकजुट है। मुझे पूरा विश्वास है कि जो सीएलपी बैठक में नहीं पहुंचे वह भी कांग्रेस में आ जाएंगे।'
उन्होंने कहा, 'मुझे लड़ाई के बारे में कुछ नहीं पता है। आनंद सिंह सीने में दर्द होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें कोई चोट या कुछ और नहीं हुआ है। उनके माता-पिता यहां अस्पताल में हैं। बाकी चीजें केवल अटकलें हैं।'
भाजपा ने साधा निशाना
भाजपा ने कर्नाटक के अंदर चल रही उठा-पठक पर तंज कसा है। कर्नाटक भाजपा ने ट्विटर पर लिखा, 'हम आपको और क्या सबूत दिखाएं कि कांग्रेस के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ईगलटन रिसॉर्ट में ठहरे कांग्रेस विधायकों के बीच मारपीट हुई और एक विधायक अस्पताल में भर्ती है। कांग्रेस कब तक मना करती रहेगी और अपने मतभेदों के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराती रहेगी। जब राजनीतिक पार्टी पंगु होती है तो उसे दोष अच्छे लगते हैं।'
मीडिया का हवाला देते हुए कर्नाटक भाजपा ने कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष ईगलटन रिसॉर्ट में हुई लड़ाई को रोकने में असमर्थ रहे। हम उम्मीद करते हैं कि आनंद सिंह का इलाज किया जा रहा है और हम उनके जल्द ठीक होने की दुआ करते हैं। दुर्भाग्यवश दिनेश गुंडूराव अब भाजपा को दोष नहीं दे सकते हैं। उनकी निगरानी में विधायकों को रिसॉर्ट में बंद किया गया था। अब आपका क्या बहाना है?'
यह है कर्नाटक का समीकरण
224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन होना आवश्यक है। अभी कांग्रेस-जेडीएस के कुल मिलाकर 117 (कांग्रेस के 80 और जेडीएस के 37) और भाजपा के 104 सदस्य हैं। गठबंधन सरकार को बीएसपी के एक विधायक का समर्थन भी हासिल है। इस तरह कुल 118 विधायक सरकार के समर्थन में हैं। निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश ने पिछले हफ्ते समर्थन वापस ले लिया था। लेकिन पार्टी के चार विधायकों का रुख अभी स्पष्ट नहीं है। इन विधायकों के भाजपा में जाने की भी अटकलें हैं। ऐसे में यदि चार विधायक कांग्रेस से अलग होते हैं तो गठबंधन सरकार के पास 114 विधायकों का समर्थन ही बचेगा। यदि कुछ और कांग्रेस विधायक टूटते हैं तो सरकार के लिए परेशानी बढ़ जाएगी।