लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के एक्टिव रिस्पॉन्स को देखते हुए यह कहा जाने लगा कि इससे कांग्रेस पार्टी में एक नई जान फूंकी गई है। इस बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट कर उसी कांग्रेस पर निशाना साधा है, जिसमें कुछ दिन पहले तक उनके शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। पीके ने लखीमपुर हिंसा के बाद की राजनीतिक गतिविधियों को कांग्रेस की वापसी के तौर पर देखे जाने को गलतफहमी बताया है।
पीके ने ट्वीट किया, 'जिन लोगों को लगता है कि लखीमपुर कांड की वजह से कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष त्वरित वापसी करेगा, वह गलतफहमी में हैं।' ध्यान देने वाली बात यह है कि पीके ने इस ट्वीट में कहीं भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। हालांकि, उन्होंने ट्वीट में कांग्रेस की बजाय 'जीओपी' यानी ग्रैंड ओल्ड पार्टी लिखा है, जिससे साफ है कि उनका निशाना कांग्रेस की तरफ ही है। पीके ने यह भी लिखा है कि दुर्भाग्य से ग्रैंड ओल्ड पार्टी (कांग्रेस) की गहरी की समस्या और ढांचागत कमजोरी का कोई तात्कालिक समाधान नहीं है।
प्रशांत किशोर ने शुरुआत में 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ काम किया था और उसके बाद जेडीयू में शामिल हो गए थे और पार्टी के उपाध्यक्ष थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस के साथ काम किया था। उन्होंने पंजाब में पार्टी की सहायता भी की और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सलाहकार थे। इसके अलावा वे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी, दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में एमके स्टालिन, आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के साथ काम कर चुके हैं।
People looking for a quick, spontaneous revival of GOP led opposition based on #LakhimpurKheri incident are setting themselves up for a big disappoinment.
Unfortunately there are no quick fix solutions to the deep-rooted problems and structural weakness of GOP.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) October 8, 2021