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सेना की तारीफ करने के बजाए मोदी दे रहे चुनावी संदेश : मायावती

बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लखनऊ में दशहरा उत्सव में शामिल होने को राजनीति तथा चुनावी स्वार्थ से प्रेरित कदम बताते हुए बुधवार को कहा कि मोदी का अपने भाषण में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर :पीओके: में आतंकवादियों के शिविरों पर सर्जिकल स्टाइक करने पर सेना की तारीफ में एक शब्द भी नहीं कहना बड़े दुख की बात है।
सेना की तारीफ करने के बजाए मोदी दे रहे चुनावी संदेश : मायावती

मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी सर्जिकल स्टाइक के लिये सुनियोजित तौर पर दूसरों से अपनी प्रशंसा करवाते रहने का शौक पालने के बजाय प्रतिपक्षी पार्टियों की तरह ही उस सेना की प्रशंसा करते तो बेहतर था जिसने नियन्त्रण रेखा के उस पार जाकर पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को तबाह किया।

उन्होंने कहा कि मोदी एेशबाग रामलीला में शामिल होकर जो राजनीतिक व चुनावी संदेश देना चाहते थे। वह रामलीला मैदान के आस-पास लगे बड़े-बड़े पोस्टर, बैनर और होर्डिंग में सर्जिकल स्टाइक की सफलता के लिये सेना के बजाय अपने को दे रहे थे। यह ग़लत है और भाजपा की गलत नीयत को दर्शाता है।

मायावती ने प्रधानमंत्री के युद्ध से बुद्ध की तरफ जाने सम्बन्धी बयान पर कहा कि यु से बु के रास्तों पर जाने के बजाय बेहतर होगा कि अपना देश और पूरी दुनिया बु के रास्तों पर चलने का वास्तविक प्रयास करे ताकि फिर यु करने की जरूरत ही ना पड़े। उन्होंने मोदी के संदेश पर तंज करते हुए कहा कि सामाजिक बुराइयों से लड़ने के लिये सूखे उपदेश नहीं बल्कि सरकारों की दृढ़ इचशक्ति की जरूरत है, जो कि खासकर भाजपा की सरकारों के पास नहीं है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर भाजपा सरकारों के पास दृढ़ इचशक्ति होती, तो फिर गुजरात का बर्बर दलित उना काण्ड, हरियाणा का मेवात बलात्कार काण्ड, रोहित वेमुला आत्महत्या काण्ड, बनासकांंठा दलित उत्पीड़न काण्ड, दादरी काण्ड और दयाशंकर सिंह काण्ड नहीं होते। गौरक्षा, लव-जेहाद, धर्म परिवर्तन, हिन्दू संस्कृति, हिन्दू धर्म और हिन्दू राष्‍ट्र आदि के नाम पर भी लोगों को ताण्डव करने की छूट नहीं मिली होती।

मायावती ने कहा कि मोदी देश में व्याप्त जातिवाद तथा अन्य बुराइयों के खात्मे के लिये आये दिन केवल किस्म-किस्म की जुमलेबाजी करते रहते हैं, लेकिन काम चलने वाला नहीं है, बल्कि इसके लिये बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर द्वारा बताये हुये रास्तों पर सही नीयत और नीति के साथ काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि इस मामले में खासकर जातिवादी शोषण व उत्पीड़न को रोकने के लिये केन्द्र तथा राज्य सरकारों को भरपूर सरकारी शक्ति का भी प्रदर्शन करना होगा। साथ ही लोगों को कानून का सम्मान करने की जबर्दस्त सीख देनी होगी। भाषा एजेंसी 

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