आप ने रविवार को अमृतसर उत्तर के विधायक और पूर्व आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों में कथित रूप से शामिल होने के कारण पांच साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया।
कुंवर का निलंबन शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ सतर्कता ब्यूरो की कार्रवाई पर सवाल उठाने के कुछ दिनों बाद हुआ, जिन्हें 25 जून को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
पार्टी ने कहा कि कुंवर को पार्टी से निलंबित करने का निर्णय आप की राजनीतिक मामलों की समिति ने लिया। पार्टी ने कहा कि सरकार का संदेश स्पष्ट है कि नशे के खिलाफ अभियान में राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आप प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि विधायक को पार्टी गतिविधियों के खिलाफ लगातार सार्वजनिक बयान देने के कारण निलंबित किया गया है और यह राजनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ है।
गर्ग ने कहा, "हालांकि, पार्टी से विधायक होने के बावजूद कुंवर विजय प्रताप ने जानबूझकर इस कार्रवाई के खिलाफ बोला, जो पूरी तरह अनुचित है।"
उन्होंने कहा कि आप सरकार पंजाब से नशीले पदार्थों के उन्मूलन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है और तस्करों पर लगातार नकेल कस रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में कुंवर विजय प्रताप द्वारा दिए गए बयान अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण हैं।’’
गर्ग ने कहा कि यदि कुंवर को कोई आपत्ति थी तो वह उसे पार्टी मंच पर उठा सकते थे या मुख्यमंत्री से शिकायत कर सकते थे, लेकिन उन्होंने अपनी शिकायतें सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने का विकल्प चुना।
सोशल मीडिया पर उनके निलंबन की खबर आने के तुरंत बाद कुंवर ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ''कबीर, जिस मरने ते जग डरे, मेरे मन आनंद।'' सतर्कता ब्यूरो ने 25 जून को आय से अधिक संपत्ति के मामले में मजीठिया के आवास पर छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
मजीठिया और उनकी पत्नी गनीव कौर मजीठिया, जो अकाली विधायक हैं, ने छापेमारी का विरोध किया था और आरोप लगाया था कि सतर्कता ब्यूरो के 30 सदस्य अमृतसर में उनके घर में जबरन घुस आए थे। मजीठिया ने छापेमारी की कार्रवाई का वीडियो भी साझा किया था।
कुंवर ने 25 जून को फेसबुक पर यही वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, "परिवार की गरिमा सभी की होती है, चाहे वह नेता हो, अभिनेता हो, अमीर हो या गरीब, दोस्त हो या दुश्मन। सुबह-सुबह किसी के घर पर छापा मारना सिद्धांतों के खिलाफ है। लगभग हर सरकार ने अपने फायदे के लिए पुलिस और सतर्कता एजेंसियों का दुरुपयोग किया है, लेकिन परिणाम कभी भी सार्थक नहीं रहे।"
कुंवर ने यह भी लिखा, "माननीय उच्च न्यायालय ने (मजीठिया को) इस आधार पर जमानत दी कि यदि पुलिस को पूछताछ के लिए उनकी आवश्यकता नहीं है, तो उन्हें हिरासत में रखना कानून के विरुद्ध है।"
उन्होंने कहा, "जब वह हिरासत में थे, तो सरकार ने उनकी जमानत कराई और अब अचानक उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए गए और आज उनके घर पर छापेमारी की जा रही है।"
कुंवर कई मुद्दों पर आप सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं। इससे पहले उन्होंने फरीदकोट में 2015 में हुई बेअदबी और पुलिस गोलीबारी की घटना के मामलों से निपटने के तरीके पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी और मामले में न्याय की मांग की थी।
कुंवर पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम का हिस्सा थे, जिसने 2015 में कोटकपूरा और बहबल कलां में पुलिस गोलीबारी की घटनाओं की जांच की थी। विधानसभा में कुंवर ने 2015 के बेअदबी मामले को कई बार उठाया।
कुंवर मई में अमृतसर में जहरीली शराब पीने से 20 से अधिक लोगों की मौत के बाद भी अपनी सरकार की आलोचना करते रहे हैं। 2021 में पुलिस सेवा से समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने के बाद, कुंवर आप में शामिल हो गए और बाद में अमृतसर उत्तर सीट से विधायक चुने गए।
इस बीच, विपक्षी दलों ने कुंवर के निलंबन को लेकर आप सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भगवंत मान सरकार की पोल खोलने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि जब पूर्व आईपीएस अधिकारी आप में शामिल हुए थे, तो पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने 2015 की बेअदबी की घटनाओं में न्याय सुनिश्चित करने और ड्रग माफिया का सफाया करने का वादा किया था।
उन्होंने कहा, "लेकिन आज वास्तविकता क्या है? कुंवर विजय प्रताप पंजाब आम आदमी पार्टी के कुछ ईमानदार, साहसी विधायकों में से एक - सच बोलने के लिए निलंबित कर दिए गए हैं! उनका एकमात्र दोष? ड्रग्स पर अंकुश लगाने, बेअदबी मामलों में न्याय दिलाने और पंजाब के सम्मान की रक्षा करने में भगवंत मान की पूर्ण विफलता को उजागर करना था।"
बाजवा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "कुंवर झुकेंगे नहीं - उनका निलंबन सत्य और पंजाब के साथ खड़े होने के लिए सम्मान का प्रतीक है!"
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि आप सरकार का "प्रश्नकाल" शुरू हो गया है और हर कोई जानता है कि उसके पास कोई जवाब नहीं है। वारिंग ने कहा, "यह अपने विधायक को पार्टी से निलंबित कर सकती है, लेकिन उन तीन करोड़ पजाबियों का क्या होगा जो वही सवाल पूछ रहे हैं जो कुंवर विजय प्रताप पूछ रहे हैं।"
पंजाब भाजपा नेता फतेहजंग सिंह बाजवा ने कहा कि आप विधायक का निलंबन इस बात का सबूत है कि आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की तानाशाही पकड़ में असहमति और ईमानदार राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है।