Advertisement

पंजाब- सिद्धू का नहीं चला जादू!, अमरिंदर सिंह ही होंगे राज्य के 'कैप्टन', इस बात का कांग्रेस को है डर

पंजाब कांग्रेस में भीतरी भारी अंर्तकलह के बावजूद 2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाब के कैप्टन अमरिंदर...
पंजाब- सिद्धू का नहीं चला जादू!, अमरिंदर सिंह ही होंगे राज्य के 'कैप्टन', इस बात का कांग्रेस को है डर

पंजाब कांग्रेस में भीतरी भारी अंर्तकलह के बावजूद 2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह ही होंेगे। हालांकि पिछले तीन दिन से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली मुख्यालय स्थित मलिकाजुर्न खड़गे कमेटी के समक्ष पेश होने पंजाब के कई विधायकों ने सीएम कैप्टन के खिलाफ मौर्चा खोलते हुए कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जनता के  जिन मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान मेंं उतरी,वादे किए उन पर खरा न उतरने से कांग्रेस की बहुत किरकिरी हो रही है। विधायकों ने कहा कि जब तक सरकार अगले 6 महीनें में अपने वादों पर खरा नहीं उतरती,2022 के विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी। खासकर बेअदबी के मामलों में सही जांच और दोषियों को सजा न मिलने के मामले पर केबिनेट मंत्री सुखजिंद्र रंधावा और विधायक फतेह बाजवा का कहना है कि सरकार और पार्टी से बढ़कर पंजाबियों के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब है। इसके लिए वे मंत्री पद,पार्टी अौर विधायकी कुर्बान करने को तैयार हैं।  

   कमेटी के सामने पेश हुए ज्यादातर विधायकों ने कहा कि 2017 में पार्टी जिन मुद्दों को उठाकर सत्ता हासिल करने में कामयाब रही, वे मुद्दे अब हाशिए पर हैं। इसलिए हाईकमान के दखल के बगैर विवाद का समाधान नहीं निकल सकता। सरकार के चार साल के काम का आकलन होना चाहिए। बेअदबी के मुद्दे पर पंजाब ही नहीं, विदेश में रह रहे पंजाबी भी बेचैन हैं। सभी चाहते हैं कि आरोपियों को सजा मिले। सरेआम घूम रहे रेत,शराब और केबल माफिया को की मांग करते हुए विधायक परगट सिंह ने कहा कि सरकार को विजिलेंस का इस्तेमाल माफिया और घोटालेबाजों पर करना चाहिए पर सीएम तो  अपनी ही पार्टी के बेकसूर नेताओं की विजिलेंस जांच कराने पर तुले हैं।

 खड़गे कमेटी से विधायकों की मुलाकात का सिलसिला बुधवार शाम को खत्म होने के बाद वीरवार को सीएम कैप्टन अमरिदंर भी इस तीन सदस्यीय कमेटी के समक्ष पेश हो सकते हैं। इस बैठक में राहुल गांधी के भी शामिल हाेने की संभावना है। फरवरी 2022 में होने वाले  विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि पंजाब की सत्ता उसके हाथ से न निकले इसलिए नाराज नेताओं को भी मनाने पर जोर लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि चार दिनों तक पंजाब के सांसदों,विधायकों के साथ बैठक के बाद हाईकमान नवजोत सिद्धू को भी मंत्रीमंडल में शामिल करने का फरमान जारी कर सकता है। इसके साथ ही एक दलित विधायक को भी मंत्रीमंडल में अहम पद दिया जा सकता है। मौजूदा मंत्रीमंडल में अभी दो दलित कैबिनेट मंत्री है। तीसरे दलित को शामिल करके कांग्रेस की नजर पंजाब के 32 फीसदी दलित मतदाताओं पर है।

  कमेटी के समक्ष पेश होने वाले 80 विधायकों मे नवजोत सिद्धू,परगट सिंह ओर फतेह बाजवा ऐसे तीन विधायकों के अलावा दो सांसद प्रताप बाजवा व रवनीत बिट्टू ने 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए सीएम को चेहरा बदले जाने की बात कमेटी के समक्ष रखी है। जबकि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ कई बाद दौहरा चुके हैं कि कैप्टन अमरिदंर सिंह ही कांग्रेस का सीएम चेहरा होंगे। वैसे भी कांग्रेस के पास पंजाब में कैप्टन का विकल्प नहीं हैं। हाईकमान भी किसी नए चेहरे पर दाव खेलने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगा।  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad