अमृतसर में घायलों से मिलने पहुंचे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का भारी विरोध हुआ। लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। लोगों में इस बात को लेकर भी गुस्सा था कि आखिर कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने हादसे वाली जगह पर जाने के लिए सुबह का इंतजार क्यों किया। घटना के 16 घंटे बाद मुख्यमंत्री अमृतसर पहुंचे। वहीं, घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। चार सप्ताह में इसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
अमृतसर पहुंचने पर लोगों ने मुख्यमंत्री अमरिंदर के खिलाफ नारेबाजी की। सीएम के मौके पर पहुंचने के मद्देनजर पूरे इलाके में भारी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री हादसे के 16 घंटे बाद अमृतसर पहुंचे जबकि हादसे की जानकारी मिलने के बाद रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा देर रात ही घटना स्थल पर पहुंचे गए थे। यहां पहुंचकर मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव के कार्यों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने डीजीपी सुरेश अरोड़ा, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के साथ सिविल अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में दाखिल मरीजों से मुलाकात कर उनका हालचाल पूछा। उन्होंने घायलों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया। कुछ देर के बाद वह सिविल अस्पताल से रवाना हो गए। उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की। सिविल अस्पताल का दौरा करने के बाद वह अमनदीप अस्पताल में दाखिल मरीजों का हाल जाने के लिए भी पहुंचे।
घटना की होगी मजिस्ट्रियल जांच
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। चार सप्ताह में इसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि ये बहुद ही दर्दनाक घटना है और इस हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 57 लोग जख्मी है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। 9 शवों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि जैसे ही घटना हुईस पूरा प्रसाशन इसमें लग गया और आज यहां पूरा कैबिनेट है।
राज गुजरने का इंतजार करते रहे कैप्टन
आखिर कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने हादसे वाली जगह पर जाने के लिए सुबह का इंतजार क्यों किया। तुरंत मौके पर जाकर राहत कार्यों का जायजा लेकर मौके के अफसरों को तुरंत आदेश क्यों नहीं जारी किए। घटना के बाद अमृतसर के लोगों में प्रशासन के बुरे प्रबंधों और दशहरा समागम में मौजूद कांग्रेसी नेताओं में इस बात को लेकर भारी गुस्सा है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की यह देरी समझ से परे है।
मुख्यमंत्री बनने से पहले कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अमृतसर से ही अरूण जेटली के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में कैप्टन अमरेंद्र सिंह को अरुण जेतली के मुकाबले 1 लाख से अधिक वोटों के अंतराल के साथ जिताकर संसद में भेजा था। आज जब शहर के लोगों पर संकट आया है तो उन्होंने रात गुजरने का इंतजार किया।
मृतकों को 5-5 लाख के मुआवजे की घोषणा
शुक्रवार शाम जब यह हादसा हुआ तब अमरेंद्र सिंह दिल्ली में मौजूद थे। हादसे के बाद उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया भी दी। उन्होंने रात के वक्त ही इस संबंध में ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह खुद अमृतसर जा रहे हैं। वहां हालात का जायजा लेंगे। साथ ही अमरेंद्र सिंह ने अपने ट्वीट में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख के मुआवजे की घोषणा की थी। घायलों के मुफ्त इलाज का ऐलान किया था।
दिल दहला देने वाला यह हादसा शुक्रवार को अमृतसर के जोड़ा फाटक पर हुआ। यहां रेलवे ट्रैक के पास दशहरा का मेला लगा हुआ था और बड़ी तादाद में लोग रावण दहन देखने के लिए जुटे हुए थे। रावण दहन में पटाखे चले और इसी शोर के बीच दो ट्रेनें ट्रैक से गुजरीं। भगदड़ में सैकड़ों लोग रेल ट्रैक पर आ गए और 70 लोगों की मौत हो गई।