पिछले लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस में चल रही गुटबाजी का आज पटाक्षेप हो गया। इस तरह की अटकलें हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। बता दें कि बाजवा और राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। इस लड़ाई की वजह से प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी अपने चरम पर थी। हाल ही में प्रदेश के दौरे पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष के कार्यक्रमों में भी दोनों नेताओं के बीच जारी तनाव का असर देखने को मिला था। पंजाब में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले कुछ महीनों में बार-बार इस बात पर विचार-विमर्श किया है कि राज्य में संगठन को कैसे मजबूत किया जाए। पिछले हफ्ते राहुल गांधी की अगुवाई में अमरिंदर और बाजवा समेत पंजाब के पार्टी नेताओं ने प्रदेश इकाई में एकजुटता पेश करते हुए एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी। अमरिंदर और बाजवा के बीच लंबे समय से मतभेद रहे हैं। इन दोनों ही नेताओं के आपसी कलह का फायदा उठाते हुए अकाली दल लगातार कांग्रेस पर हमले करती रही है। हाल ही में प्रकाश सिंह बादल ने इन दोनों नेताओं पर सिखों के नाम पर राजनीति की दूकान चलाने का आरोप लगाया था।
कांग्रेस नेता शकिल अहमद ने बाजवा और जाखड़ के इस्तीफे की पुष्टी करते हुए बताया है कि इन दोनों नेताओं के इस्तीफे को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, पंजाब में अकाली दल और उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल का मुकाबला करने के लिए राज्य में पार्टी को को फिर से मजबूत बनाने के मकसद से कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा और पंजाब कांग्रेस विधायक दल के नेता सुनील जाखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। हालांकि पंजाब में पार्टी मामलों के प्रभारी अहमद ने यह नहीं बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन कब होगा लेकिन पार्टी महकमे में चर्चा है कि कुछ दिनों में यह हो सकता है। पंजाब के पिछले विधानसभा चुनाव में अमरिंदर को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया था। हालांकि कांग्रेस को चुनाव में सफलता नहीं मिली और बाद में एआईसीसी ने अमरिंदर के अति आत्मविश्वास को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था।