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राफेल का जिन्न फिर सामने आया; पार्टी नेताओं से बोले राहुल गांधी- भ्रष्ट केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ ऐसे ही लड़ते रहो। रुको मत, थको मत, डरो मत!

राफेल डील में शामिल एक बिचलिये को कथित तौर पर घूस दिए जाने संबंधी मीडिया के खुलासे के एक दिन बाद इस मसले...
राफेल का जिन्न फिर सामने आया; पार्टी नेताओं से बोले राहुल गांधी- भ्रष्ट केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ ऐसे ही लड़ते रहो। रुको मत, थको मत, डरो मत!

राफेल डील में शामिल एक बिचलिये को कथित तौर पर घूस दिए जाने संबंधी मीडिया के खुलासे के एक दिन बाद इस मसले को लेकर सियासत तेज हो गई  है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को अपनी पार्टी के सहयोगियों से कहा कि वे 'भ्रष्ट' केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ने से न तो डरे और नहीं रुकें क्योंकि हर कदम पर सच्चाई उनके साथ है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है, जब सच्चाई आपके साथ, डरो मत, रूको मत, थको मत जब पग-पग पर सत्य साथ है, तो फ़िक्र की क्या बात है? मेरे कांग्रेस साथियों- भ्रष्ट केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ ऐसे ही लड़ते रहो। रुको मत, थको मत, डरो मत! इसके साथ ही राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में राफेल स्कैम हैशटैग का भी इस्तेमाल किया है। ।

फ्रेंच पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस डील के लिए डसॉल्ट एविएशन ने सुशेन गुप्ता नाम के बिचौलिए को 7.5 मिलियन यूरो यानी 65 करोड़ रुपए घूस दिए थे। रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरु हो गया है। जहां बीजेपी ने वर्ष 2014 से पहले, जब कांग्रेस सत्‍ता में थी, कथित भ्रष्‍टाचार को लेकर इस पार्टी पर भी निशाना साधा, वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर इस भ्रष्‍टाचार पर 'लीपापोती' करने का आरोप लगाया है। 

जुलाई में मीडियापार्ट ने रिपोर्ट दी थी कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए भारत के साथ 59,000 करोड़ रुपए के इंटर-गौरमेंटल सौदे में संदिग्ध भ्रष्टाचार और पक्षपात की संवेदनशील न्यायिक जांच का नेतृत्व करने के लिए एक फ्रांसीसी न्यायाधीश की नियुक्ति की गई है। केंद्र की एनडीए सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को भारतीय वायु सेना के लिए दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल जेट खरीदने की डील की थी।

कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर शुरू से ही केंद्र सरकार पर हमलावर है और सौदे में भारी अनियमितताओं का आरोप लगा चुकी है। कांग्रेस का आरोप है कि मौजूदा सरकार ने यूपीए सरकार की ओर की ओर से सौदे के लिए अंतिम रूप दिए 526 करोड़ रुपए के मुकाबले प्रत्येक विमान को खरीदने के लिए 1670 करोड़ रुपए दे रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस ने सौदे और कथित भ्रष्टाचार को लेकर कई सवाल उठाए थे, लेकिन सरकार ने सभी आरोपों को नकार दिया था।

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