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राहुल उत्तर प्रदेश के साथ वन कानून के लिए छेड़ेंगे अभियान

कांग्रेस उपाध्यक्ष राज्य चुनावों की रणनीति के साथ-साथ वन अधिकार कानून के हो रहे उल्लंघन के खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाने जा रहे हैं
राहुल उत्तर प्रदेश के साथ वन कानून के लिए छेड़ेंगे अभियान

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने छुट्टी से वापस आने के बाद आज अच्छा-खासा समय आगे की रणनीति पर बिताया। इसमें उत्तर प्रदेश पर खास ध्यान देते हुए राज्य प्रभारी गुलाम नबी आजाद के साथ लंबी बैठक की। इसके अलावा राहुल गांधी के नेतृत्व में देश के सात राज्यों में जल्द ही वन अधिकार कानून में केंद्र सरकार द्वारा की जा रही बड़ी गड़बड़ियों को लेकर बड़ा अभियान चलाने की घोषणा की गई।

बैठक में 15 जुलाई के आसपास उत्तर प्रदेश में आक्रामक अभियान लॉन्च करने पर भी सहमति बनी है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक गुलाम नबी आजाद के साथ राहुल गांधी की लंबी बैठक चली जिसमें उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में प्रचार की कमान से लेकर जातिगत समीकरणों और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से निपटने पर बात हुई। बताया जाता कि अभी तक प्रियंका गांधी की उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार में भूमिका को लेकर कोई आधिकारिक सहमति नहीं बनी है। कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश की चुनावी रणनीति बना रहे प्रशांत किशोर ने प्रियंका गांधी और चुनाव प्रचार की कमान के लिए शीला दीक्षित का नाम चलाया है।

इसके साथ ही आज कांग्रेस ने घोषणा की आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र,गुजरात, झारखंड, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में वन अधिकार कानून के सही क्रियान्वयन और उसके उल्लघंन के मामलों पर बड़ा जनांदोलन राहुल गांधी के नेतृत्व में छेड़ा जाएगा। इस बारे में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने बताया कि पिछले दो सालों में इस कानून को कमजोर किया गया है और आदिवासियों सहित बाकी जनता को उनके हकों से महरूम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में खनन की मंजूरी बिना आदिवासियों की स्वीकृति के दी जा रही है। बड़े पैमाने पर हो रही इन गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जा रहा है। इस बारे में फैसला 14 मई को कांग्रेस की वन अधिकार कानून पर हुए एक टेक्नीकल वर्कशॉप में लिया गया था, जिसमें राज्यों के प्रमुख मौजूद थे। इसे लागू अब किया जा रहा है।

वन अधिकार कानून के उल्लंघन के बारे में उड़ीसा कांग्रेस राज्य कमेटी के प्रमुख प्रसाद हरिचरन ने बताया कि उड़ीसा में राज्य सरकार इस कानून को कमजोर करने के लिए आमार जंगल योजना शुरू कर चुकी है, जिसमें ग्राम सभाओं का अधिकार छीना जा रहा है। इसी तरह से महाराष्ट्र सरकार ने भी गांव वन कमेटियों का निर्माण किया है, जिसमें नौकरशाहों से लेकर पुलिस के लोगों को रखा है। इन तमाम विसंगतियों के खिलाफ कांग्रेस आंदोलन करने की तैयारी कर रही है।  

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