कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तरी गुजरात दौरे की शुरुआत राज्य के दो बड़े मंदिर अंबाजी और अक्षरधाम जाकर की। उनके मंदिर दौरे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। सत्ताधारी भाजपा ने कहा कि केवल वोट पाने के लिए वे मंदिर दर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा के पास ‘भक्ति’ का पेटेंट नहीं है।
राहुल गांधी शनिवार की सुबह गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर गए और भगवान स्वामीनारायण की पूजा की। इसके बाद उन्होंने छह जिलों के दौरे की शुरुआत की। अक्षरधाम मंदिर स्वामीनारायण पंथ से संबंधित है और पटेल समुदाय में इसके काफी अनुयायी हैं। कांग्रेस विधानसभा चुनाव के पहले इस समुदाय को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव दो चरण में नौ दिसंबर और 14 दिसंबर को होने हैं।
शनिवार की रात राहुल उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले स्थित प्रसिद्ध देवी अंबा मंदिर गए। यहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और भक्तों की ‘जय अंबे मां’ के जयकारे के बीच आरती और पूजा-अर्चना की। उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा, ‘राहुल गांधी क्यों चुनावों के पहले मंदिरों की यात्रा कर रहे हैं। लोग उनके इरादे जानते हैं कि वे ऐसे हथकंडों से वोट हासिल करना चाहते हैं। उनका भक्ति के प्रति कोई झुकाव नहीं है। अपने पहले की यात्राओं के दौरान राहुल गांधी कभी किसी मंदिर में नहीं गए।’ उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि कांग्रेस अपनी छद्म धर्मनिरपेक्षता को छोड़ मुख्यधारा हिन्दुत्व का सम्मान करे, लेकिन वोट हासिल करने के उसके ये हथकंडे गुजरात में सफल नहीं होंगे।’
कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि लोग भाजपा को सबक सिखाएंगे, क्योंकि वह मंदिर जाने का विरोध कर रही है। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, ‘क्या किसी के पास भक्ति का पेटेंट है? वे लोग मंदिर की यात्रा का विरोध कर रहे हैं। गुजरात के लोग उन्हें सबक सिखाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी मंदिरों के अलावा जैन मंदिर और गुरूद्वारे भी गए हैं। हम धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं।’ राहुल ने अपने गुजरात दौरे की शुरुआत सितंबर में द्वारकाधीश मंदिर से की थी।