नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा है कि ये बड़े लोग नफरत से अंधे हो गए हैं और उन्हें नहीं पता कि पेशेवर क्या होता है।
अभिजीत बनर्जी को राहुल गांधी ने कहा कि आप उन्हें यह नहीं समझा सकते हैं, भले ही आपने एक दशक तक प्रयास किया हो। राहुल ने बनर्जी को कहा कि लाखों भारतीयों को आपके काम पर गर्व है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नोबेल जीतने पर बनर्जी को बधाई देते हुए कहा था कि आप सभी जानते हैं कि उनकी समझ क्या है। उनकी सोच पूरी तरह से वामपंथी झुकाव वाली है। उन्होंने न्याय योजना के बड़े गुण गाए थे, मगर देश की जनता ने उनकी सोच को पूरी तरह खारिज कर दिया।
बता दें कि मुंबई में जन्मे बनर्जी अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। उन्हें अर्थशास्त्र का नोबेल अवॉर्ड देने का ऐलान 14 अक्टूबर को हुआ था। बनर्जी की पत्नी एस्थर डुफ्लो और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर माइकल क्रेमर को भी इस सम्मान के लिए चुना गया।
कांग्रेस ने ‘न्याय योजना’ के लिए अभिजीत से ली थी सलाह
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने प्रमुख चुनावी वादे 'न्याय योजना' के लिए अभिजीत सहित दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों से राय ली थी। राहुल गांधी ने वादा किया था कि हर गरीब के खाते में साल में 72 हजार रुपए डाले जाएंगे, यानि 6 हजार रुपए हर माह। योजना गरीबों को न्यूनतम आय की गारंटी देगी। बनर्जी ने कहा था- 2500-3000 रुपए प्रति महीने एक अच्छी शुरुआत हो सकती थी। ऐसा कहते हुए मैं सालाना आर्थिक प्रतिबद्धताओं को भी ध्यान में रख रहा हूं। मेरी दृष्टिकोण यह थी कि उन्हें (कांग्रेस) धीरे चलना चाहिए था। ऐसा करने से उन्हें वह सालाना आर्थिक स्थान मिल जाता, जिसकी आवश्यकता है।
प्रियंका ने भी साधा था निशाना
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीयूष गोयल के इस बयान पर शनिवार को कहा था कि अर्थव्यवस्था का हाल बेहाल है और सरकार इसमें सुधार के बजाय 'कॉमेडी सर्कस' चलाने में व्यस्त है। प्रियंका गांधी ने कहा था कि भाजपा के नेता उन्हें सौंपे गए काम को करने के बजाय दूसरों की उपलब्धियों को कम आंकने में व्यस्त हैं। नोबेल पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति ने अपना काम ईमानदारी से किया, तब पुरस्कार जीता।