देश की राजधानी दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण वाले केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की सरकार लगातार लड़ाई लड़ रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में भी इस अध्यादेश के मुख्य चर्चा का केंद्र बने रहने की संभावनाएं हैं। अब आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है और कहा है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच समझौता हो गया है।
पटना में आयोजित महा बैठक में शामिल होने से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "हम एक साथ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं और हमारी पहली प्राथमिकता भारतीय जनता पार्टी की सरकार को हटाना है।" आम आदमी पार्टी की केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ चल रही लड़ाई पर भी खड़गे ने अपनी राय रखी।
मलिकार्जुन खड़गे ने कहा, " ऐसे मामलों पर संसद में ही कोई निर्णय लिया जाता है। जब संसद का सत्र शुरू होगा तो सारी पार्टियां मिलकर एक एजेंडा बनाएंगी, जिसके साथ हम सरकार के सामने सवाल खड़े करेंगे।" गौरतलब है कि केंद्र सरकार का अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी दरकिनार करता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में समर्थन पाने हेतु विभिन्न शीर्ष नेताओं से भी मिल चुके हैं।
अब मलिकार्जुन खड़गे के बयान पर टिप्पणी करते हुए आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा," हमें सूत्रों से खबर मिली है कि राहुल गांधी (कांग्रेस) और भारतीय जनता पार्टी के बीच इस अध्यादेश को लेकर एक समझौता हो गया है। ऐसे में कांग्रेस को सबसे पहले इस अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करने की आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा, " हमारे लिए सबसे पहले संविधान है। सबसे पहले लोकतंत्र है और पूरी तरह यह अध्यादेश संविधान के खिलाफ है।" बैठक से पहले प्रधानमंत्री पद के चेहरे को लेकर तमाम सवाल भी खड़े हो रहे हैं। इन सवालों पर प्रियंका कक्कड़ ने कहा, "चेहरे की कोई लड़ाई नहीं है। हमारी लड़ाई लोकतंत्र के लिए है और संविधान के लिए है। कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करना ही होगा।"