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राहुल गांधी ने वैचारिक स्पष्टता पर दिया जोर, भाजपा के जाल में न फंसने की सलाह भी दी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्य समिति की बैठक में वैचारिक स्पष्टता पर जोर देते हुए कहा...
राहुल गांधी ने वैचारिक स्पष्टता पर दिया जोर, भाजपा के जाल में न फंसने की सलाह भी दी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्य समिति की बैठक में वैचारिक स्पष्टता पर जोर देते हुए कहा है कि पार्टी नेताओं को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के असल मुद्दों से ‘ध्यान भटकाने’ वाले जाल में न फंसकर जनता से जुड़े विषयों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने रविवार को यह जानकारी दी।

खेड़ा ने कार्य समिति की पहले दिन (16 सितंबर को) की बैठक में राहुल गांधी के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी ने हम सबसे सपष्ट तौर पर पूछा कि विचारधारा की स्पष्टता आपके मन में है या नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन आधारित पार्टी नहीं है, कांग्रेस एक आंदोलन है, जिसके पास संगठन भी है। आंदोलन संगठन को आगे बढ़ाता है, यही कांग्रेस और दूसरे दलों में अंतर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने हमें आगाह किया कि हम भाजपा के जाल में न फंसें।’’

खेड़ा का कहना था कि बैठक में राहुल गांधी के वक्तव्य के बाद पार्टी नेताओं के मन में विचारधारा को लेकर पूरी तरह स्पष्टता थी।

राहुल गांधी ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब सनातन धर्म को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेताओं की टिप्पणियों से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेताओं ने भी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए और इसमें फंसना नहीं चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि कि राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं को सनातन धर्म विवाद में पड़ने के बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि वे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं।

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