कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और कटाक्ष करते हुए कहा कि 'नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम, राजस्थान में सरकार गिराने की कोशिश तथा कई अन्य कदमों से आज देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 'आत्मनिर्भर हो गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''कोरोना काल में सरकार की उपलब्धियां: फरवरी में नमस्ते ट्रंप, मार्च में मध्य प्रदेश में सरकार गिराई, अप्रैल में मोमबत्ती जलवाई, मई में सरकार की 6वीं सालगिरह, जून में बिहार में वर्चुअल रैली और जुलाई में राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश। कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा, इसीलिए देश कोरोना की लड़ाई में 'आत्मनिर्भर' है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार को कोविड-19 के 37,148 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 11,55,191 हो गए। वहीं 587 और लोगों की जान जाने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28,084 हो गई।
वहीं, राहुल गांधी ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध की पृष्ठभूमि में सोमवार को दावा किया कि बीजिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाने के लिए उनकी '56 इंच वाली छवि पर हमला कर रहा है और प्रधानमंत्री भी दबाव में आकर अपनी छवि बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट करेंगे कि उन्हें अपनी छवि की चिंता नहीं है और वह चीनी चुनौती को स्वीकार करते हैं?
गांधी ने एक वीडियो जारी कर चीन के साथ मौजूदा गतिरोध को लेकर कहा कि यह साधारण सीमा विवाद नहीं। मेरी चिंता है कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हैं। सवाल यह है कि चीन की सामरिक रणनीति क्या है? चीनी बगैर रणनीतिक सोच के कोई कदम नहीं उठाते। कांग्रेस नेता ने कहा कि चीन ने दिमाग में संसार का नक्शा खींचा हुआ है, जिसे वह अपने हिसाब से आकार देने की कोशिश कर रहा है। उसी के तहत ग्वादर आता है, उसी में बेल्ट एंड रोड आता है। यह इस धरती की पुनर्रचना करने का प्रयास है। इसलिए जब आप चीनियों के बारे में सोचें तो आपको यह समझना होगा कि वह किस स्तर पर सोच रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि चाहे यह गलवान हो, डेमचोक हो या फिर पेंगोंग झील, उनका इरादा अपनी स्थिति को मजबूत करना है। वो हमारी सड़क से परेशान हैं, वो हमारे राजमार्ग को निरर्थक करना चाहते हैं। वो पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर में कुछ करने की सोच रहे हैं। उनके मुताबिक, यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है, बल्कि यह सुनियोजित सीमा विवाद है, जिसका मकसद भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाना है।