राजस्थान की कांग्रेस सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार और अन्य राजनीतिक नियुक्तियों की अटकलों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को कहा कि पार्टी सरकार और संगठन के बारे में फैसला जल्द ही लिया जाएगा।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और राज्य सरकार लगातार इसके संपर्क में हैं क्योंकि एक साल पहले पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित पैनल ने अपना काम पूरा कर लिया है। उन्होंने दौसा में संवाददाताओं से कहा, "मैं कुछ दिन पहले (के सी) वेणुगोपाल से मिला था। हम लगातार चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही संगठन और सरकार के संबंध में निर्णय लिए जाएंगे।" पायलट ने कहा कि फिर से सत्ता में आना है तो कांग्रेस संगठन और सरकार को मिलकर काम करना होगा। जिन कार्यकर्ताओं और लोगों ने सत्ता दिलाई है पार्टी को उन्हें मान-सम्मान देना होगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने वाले पायलट के नेतृत्व में विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए पिछले साल कांग्रेस ने तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था।
कांग्रेस नेता ने केंद्र पर पेट्रोल और डीजल पर उपकर के माध्यम से 20 लाख करोड़ रुपये वसूलने का भी आरोप लगाया, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत “आधी” होने के बाद भी लोगों को कोई राहत नहीं दी। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान भी केंद्र ने कोई राहत नहीं दी। उन्होंने कहा कि अब जब पांच राज्यों के चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो सरकार ने राहत दी है। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम ने बेरोजगारी और महंगाई को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा।
उन्होंने जोर देकर कहा, "महंगाई बढ़ रही है, घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 900 रुपये से अधिक है, पेट्रोल और डीजल घी से महंगा हो रहा है। रोजगार नहीं हैं, उद्योग बर्बाद हो रहे हैं, अर्थव्यवस्था चरमरा गई है और किसान आंदोलन कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि लोग समझते हैं कि कांग्रेस एक बेहतर विकल्प है। पायलट ने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए अधिकांश वादों को पूरा किया है। राज्य में पेट्रोल और डीजल पर वैट के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार कीमतें कम करेगी।