राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने छह विधायकों के लिए व्हिप जारी करते हुए कहा कि अगर मतदान की सूरत बनती है तो वे कांग्रेस सरकार के खिलाफ वोट करें। लेकिन विधायकों का कहना है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला और वे किसी भी परिस्थिति में कांग्रेस के साथ हैं। दरअसल, बीएसपी के टिकट पर प्रदेश में छह विधायक चुने गए थे - आर. गुढ़ा, लखन सिंह, दीप चंद, जेएस अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली। लेकिन पिछले साल अगस्त में इन विधायकों ने कांग्रेस के साथ विलय कर लिया था।
विधायक लखन सिंह ने एएनआई से कहा, हमें मीडिया से पता चला है कि उन्होंने (बीएसपी) कोई नोटिस भी दिया है पर हमें कोई नोटिस नहीं मिला है। हम कांग्रेस के साथ हैं चाहे कोई भी परिस्थिति आए।
लखन सिंह ने आगे कहा कि हम पहले ही 6 के 6 विधायक कांग्रेस में विलय कर चुके हैं। 9 महीने के बाद अब बीएसपी को याद आई है। ये बीएसपी नहीं, बीजेपी के कहने से मैनेज किया हथकंडा है। उसी आधार पर ये व्हिप जारी किया गया है उसी आधार पर ये कोर्ट जा रहे हैं।
इस बीच राजस्थान हाईकोर्ट ने बसपा के छह विधायकों का कांग्रेस के साथ विलय किये जाने के खिलाफ भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका को खारिज किया है।
गौरतलब है कि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने व्हिप जारी करते हुए पार्टी के सभी 6 विधायकों को निर्देश दिया है कि अगर गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है, तो वो कांग्रेस के खिलाफ अपना वोट दें।
बसपा महासचिव ने सभी 6 विधायकों को नोटिस जारी कर ये भी बताया है कि चूंकि बीएसपी एक राष्ट्रीय पार्टी है और दसवीं अनुसूची के पैरा 2 (1)(B) के तहत किसी राज्य में पूरी पार्टी का विलय असंवैधानिक है। पार्टी का कांग्रेस में विलय नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने सभी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी ने निर्देश की अवहेलना की, तो उस पर दल बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सतीश चंद्र मिश्रा ने आगे कहा कि यह सभी विधायक बसपा के टिकट पर चुनाव जीत कर आए हैं, जो पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा जारी किए गए थे। लिहाजा सभी 6 विधायक पार्टी के निर्देश मानने के लिए बाध्य हैं।
बता दें कि सियासी संकट के बीच बसपा के सभी 6 विधायकों ने कांग्रेस का दामन थामते हुए गहलोत सरकार के समर्थन का ऐलान किया है। यही नहीं, विधायकों का दावा है कि उन्होंने कांग्रेस में विलय कर लिया है। हालांकि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने न सिर्फ सभी छह विधायकों को व्हिप जारी कर कांग्रेस के खिलाफ वोट देने का निर्देश जारी किया बल्कि आदेश न मामने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।