Advertisement

प्रियंका के बारे में इंदिराजी के विचार जान खुश हुए थे राजीव गांधी-एम.एल. फोतेदार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माखनलाल फोतेदार की बायोग्राफी 'द चिनार लीव्स’ में कई ऐसे खुलासे हुए हैं जिससे पार्टी के कई नेता असहज महसूस कर रहे हैं। नेहरु-गांधी परिवार के करीबी रहे फोतेदार की किताब इन दिनों सुर्खियों में हैं। किताब से जुड़े कई पहलुओं पर आउटलुक के विशेष संवाददाता कुमार पंकज के सवालों का एमएल फोतेदार ने खुलकर जवाब दिया। पेश है प्रमुख अंश:
प्रियंका के बारे में इंदिराजी के विचार जान खुश हुए थे राजीव गांधी-एम.एल. फोतेदार

आपकी बायोग्राफी ऐसे समय में आ रही है जब राहुल गांधी को कांग्रेस का नेतृत्व सौंपने की तैयारी चल रही है। आपके खुलासे के बाद कि इंदिरा गांधी प्रियंका को अपना उत्तराधिकारी घोषित करना चाहती है क्या‍ कांग्रेस पार्टी असहज महसूस कर रही है?
अपनी मौत से सिर्फ चार दिन पहले (27 अक्टू‍बर, 1984) अपनी अंतिम कश्मीर यात्रा के दौरान इंदिरा जी ने अपने और अपनी पोती के बारे में मुझसे कुछ खास बातें कही थी। उन्होंने कहा था, 'फोतेदार जी, मैं शायद ज्यादा दिन जिंदा नहीं रहूंगी। मगर आप देखना कि वह (प्रियंका) कैसे बड़ी हो रही है। मैंने कहा, 'आपको लगता है कि मैं उतने दिन जिंदा रहूंगा। उन्होंने कहा, 'हां। उनकी आवाज में एक विश्वास और निश्चितता थी। 'आप राष्ट्रीय फलक पर उसकी चमक देखने के लिए मौजूद रहेंगे। लोग उसमें मुझे देखेंगे और जब भी उसे देखेंगे तो उन्हें मेरी याद आएगी। वह पूरी चमक बिखेरेगी और अगली सदी उसकी होगी। तब लोग मुझे भूल जाएंगे। उन्होंने (इंदिरा जी) मुझसे यह बात शेयर की थी कि वह कैसे अपनी पोती प्रियंका का हमारे महान देश की सेवा करते हुए उज्ज्वल भविष्य देख पा रही हैं।

आपकी पुस्तक में कई ऐसे खुलासे किए गए हैं जिसकी कांग्रेस के कई नेता पुष्टि तो कर रहे हैं लेकिन खुलकर कुछ बोलते नहीं हैं। क्या‍ माना जाए कि कांग्रेस में दो विचारधारा चल रही है?
इस बारे में इतना ही कहना चाहूंगी कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष, बहुलवादी, विविधातापूर्ण, सहनशील, उदार और समन्वयात्मक भारत के विचार में भरोसा करती है। गरीबों, दबे कुचलों और सामाजिक रूप से पीछे छूट गए वर्गों से इसकी पहचान है। यही पहले और आज भी कांग्रेस की आइडियोलॉजी है।


आपने पुस्तक में इंदिरा गाधी की कश्मीर यात्रा का जिक्र किया है। क्या‍ पहले भी आप इस प्रसंग का जिक्र कहीं कर चुके हैं?
मैं प्रियंका के बारे में इंदिरा जी के विचारों को राजीव जी के संज्ञान में लाया था। यह 1984-85 के आसपास की बात है। वह इस बात को जानकर बहुत खुश हुए थे। उन्होंने कहा था कि इस दस्तावेज को संभाल कर रखिये। यही तथ्य मैं तब सोनिया जी के संज्ञान में भी लाया जब उन्होंने 2004 में राहुल को अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ाने से पहले मेरी राय मांगी थी।
क्या‍ माधवराव सिंधिया की प्रधानमंत्री बनने की इच्छा थी?
कई लोगों की इच्छा होती है कि वह प्रधानमंत्री बनें।
आप इंदिरा गांधी के काफी नजदीक रहे, क्या‍ राजीव गांधी से भी आपकी नजदीकी रही?
मैं (गांधी )परिवार के हमेशा करीब रहा और इस प्रतिष्ठित परिवार की सेवा करना महान सौभाग्य की बात है। इंदिरा जी के साथ मैं 1952 से रहा। वह मेरी सर्वोच्च नेता थीं और मैं भाग्यशाली था कि मुझे उनसे जटिल राष्ट्रीय राजनीति की समझ और तीक्ष्ण परख हासिल करने का मौका मिला।
सोनिया गांधी ने आपसे दूरी क्यों‍ बनाई?
सोनिया जी से कोई दूरी नहीं है। वर्ष 2004 में संप्रग एक सरकार के गठन के बाद मैं गुडग़ांव ‌शिफ्ट गया। इसके बाद जब भी कोई राय मुझसे मांगी गई मैंने अपनी स्पष्ट और खरी राय पार्टी नेतृत्व को मुहैया कराई।
कांग्रेस का जनाधार लगातार कम हो रहा है। ञ्चया कांग्रेस पुनर्जीवित हो पाएगी?
कांग्रेस देश की अकेली पार्टी है जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और अरुणाचल प्रदेश से लेकर गुजरात के सोमनाथ तक हर प्रदेश में मौजूद है। यह भारत के लोकाचार का प्रतिनिधित्व करती है और इसकी विविधता और बहुलतावाद में भरोसा करती है। यह समाज के हर तबके का प्रतिनिधित्व करती है और सबको साथ लेकर चलने में भरोसा करती है। इस समय पीढिग़त बदलाव और मंथन का दौर चल रहा है। मुझे पूरा भरोसा है कि यह खुद को दोबारा गढऩे में और 21वीं सदी के भारत के अनुरूप खुद को ढालने और मजबूत बनकर उभरने में कामयाब होगी।
आपकी दृष्टि में कैसा है कांग्रेस का भविष्य?
जैसा कि मैंने आपसे कहा, कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जिसका पूरे देश में मजबूत जनाधार है। पार्टी को आज भी लोगों के बड़े हिस्से का समर्थन हासिल है। हां यह अभी पीढिग़त बदलाव का दौर है। नया नेतृत्व उभर रहा है। मैं एक मजबूत और सक्षम नेतृत्व के तहत कांग्रेस का चमकदार भविष्य देख रहा हूं। 

कांग्रेस को आगे बढऩे के लिए क्या‍ सुझाव देंगे?

कांग्रेस को ज्यादा सक्रिय होना पड़ेगा और जमीनी स्तर पर अपने संपर्क फिर से बनाने होंगे। हमें ज्यादा नजदीकी से लोगों की अपेक्षाओं को समझना होगा और उन्हें ग्रहण करना होगा। आगे बढऩे के लिए हर स्तर पर कांग्रेस को मजबूत और सक्षम नेतृत्व की जरूरत है। लोगों को एक मजबूत, ज्यादा संवाद करने वाले और संवेदनशील नेतृत्व की चाह है जो सभी को साथ लेकर आगे चल सके।
वर्तमान केंद्र सरकार के बारे में आपकी प्रतिक्रिया।
केंद्र की वर्तमान सरकार एक विचारधारात्मक पृष्ठभूमि से आई है। यह विचारधारा विविधता और बहुलता में भरोसा नहीं करती। यह विचारधारा भारत की उस मान्यता के खिलाफ है जिसका सपना हमारे पुरखों ने देखा था और जिसके लिए महान कुर्बानियां दीं। यह विचारधारा हकीकत में हमारे संविधान के सिद्धांतों के ही खिलाफ है। भारत जैसे विशाल देश के लिए जहां इतनी विविधता है, यह विचारधारा सामाजिक तनाव और विवाद पैदा करेगी।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad