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अमित शाह ने राज्यसभा में दिल्ली सेवा अध्यादेश को बदलने के लिए विधेयक पेश किया, पक्ष विपक्ष में छिड़ी बहस

लोकसभा में पारित किए जाने की बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को "दिल्ली में सेवाओं पर...
अमित शाह ने राज्यसभा में दिल्ली सेवा अध्यादेश को बदलने के लिए विधेयक पेश किया, पक्ष विपक्ष में छिड़ी बहस

लोकसभा में पारित किए जाने की बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को "दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण के लिए अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक" राज्यसभा में विचार और पारित करने के लिए पेश किया।

गौरतलब है कि विपक्षी सदस्यों द्वारा इस साल मई में सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को अस्वीकार करने के प्रस्ताव के बाद अमित शाह ने सदन में पारित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया।

यह विधेयक पिछले सप्ताह ही लोकसभा से पारित हो गया था। राज्यसभा में इसे लेकर बहस हुई, जिसमें भाग लेते हुए, कांग्रेस सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी ने विधेयक की आलोचना की और कहा कि यह दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोधाभासी है।

उन्होंने कहा, "यह संघवाद की प्रमुख अवधारणाओं का उल्लंघन करता है। सरकार का इरादा किसी भी तरह से नियंत्रण हासिल करना है। यह स्पष्ट रूप से सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों को खारिज करता है। राज्य के नियुक्त मुख्य कार्यकारी सचिवों के अधीन आएंगे। एनसीटी के लिए बजट दिल्ली सरकार द्वारा तैयार किया जाएगा, दिल्ली के लिए काम किया जाएगा और ऊपर से नीचे तक के अधिकारियों की नियुक्ति राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) द्वारा की जाएगी।"

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राज्यसभा में कहा, "सुप्रीम कोर्ट के 105 पन्नों के फैसले में, कहीं भी दिल्ली पर कानून पारित करने के खिलाफ कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में, पैराग्राफ 86, 95 और 164 एफ में, यह उल्लेख किया गया है कि संसद के पास दिल्ली के लिए कानून बनाने के सभी अधिकार हैं।"

"2013 में, उन्होंने (दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल) ट्वीट किया कि तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित के आवास में 10 एयर कंडीशनर थे और यहां तक कि बाथरूम में भी एसी था। उन्होंने यह भी पूछा कि बिजली बिल का भुगतान किसने किया...अब केजरीवाल के आवास में 1 करोड़ रुपये के 15 बाथरूम और पर्दे हैं।"

बता दें कि I.N.D.I.A ब्लॉक में शामिल विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। सदन में बिल पर व्यवस्थित बहस देखने को मिल रही है। मणिपुर की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की विपक्ष की मांग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में रोजाना व्यवधान देखा जा रहा है।

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