जननायक जनता पार्टी में दादा की भूमिका रखने वाले नारनौंद विधायक रामकुमार गौतम द्वारा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद छोडऩे पर सूबे की सियासत गर्मा गई है। गौतम के इस्तीफे से साफ हो गया है कि दस विधायकों वाली जजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसी बीच रामकुमार गौतम द्वारा दुष्यंत चौटाला के ऊपर लगाए आरोपों पर कैबिनेट मंत्री रंजीत चौटाला ने कहा कि पार्टी का आपसी मामला है, उस पर बोलना उचित नहीं।
उन्होंने कहा कि रामकुमार ने जो कुछ भी मेरे लिए कहा मैं उसके लिए उनका धन्यवाद करता हूं, वह मेरे से बड़े हैं। रंजीत ने कहा कि हम सब सरकार में सहयोगी हैं, उनकी आपसी लड़ाई पर मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा। रामकुमार गौतम और दुष्यंत चौटाला का अंदरूनी मामला है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार को कोई खतरा नहीं है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 40 बीजेपी के 10 जेजेपी और सात निर्दलीयों के अलावा कांडा और अभय भी सरकार के पक्ष में ही खड़े हैं। इस तरह से सरकार को 58 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार गिरने का सवाल नहीं, सरकार पूरी तरीके से स्टेबल है, मनोहर लाल हमारे मुख्यमंत्री हैं और वही रहेंगे।
वहीं जेजेपी विधायकों के कांग्रेस के संपर्क में होने की खबरों पर रणजीत चौटाला ने कहा कि सामाजिक जीवन में कोई किसी के भी संपर्क में रहे उससे फर्क नहीं पड़ता, इसमें चाहे हुड्डा से मिले या किसी और से। इसके साथ दुष्यंत पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में दुष्यंत से ही पूछिए। रंजीत ने कहा कि ब्याह शादी के मामलों में मैं जरूर उनका दादा हूं, लेकिन उनकी राजनीति अलग है, वह तो ओम प्रकाश चौटाला से ही अलग पार्टी बना कर चुनाव लड़े हैं। उनका राजनीति करने का अपना नजरिया है, उनके मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता।