राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित अपने आवास पर आजाद ने जेटली पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनकी पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है पर उन्हें न केवल मंत्री पद से सुशोभित किया गया बल्कि वे आज सरकार और पार्टी में सर्वेसर्वा बने हुए हैं। दरभंगा संसदीय क्षेत्र से तीन बार सांसद रहे आजाद का निशाना जेटली और स्मृति ईरानी सहित उन केंद्रीय मंत्रियों की तरफ था जिन्हें 2014 लोकसभा चुनाव में पराजित होने के बावजूद सरकार और संगठन में महत्व दिया गया। आजाद को पार्टी ने लगभग दस महीने पहले पार् से निलंबित कर दिया था। उस समय आजाद ने डीडीसीए में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था।
दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में अनियमितता के खिलाफ टिप्पणी किए जाने के बाद गत वर्ष 23 दिसंबर को पार्टी से निलंबित किए जाने के बारे में आजाद ने कहा, मुझे बिना किसी आरोप के पार्टी से निलंबित किए जाने के 300 दिन के बाद भी मेरे दल ने न तो मुझे पार्टी से निकाला और न ही मेरे निलंबन को वापस लिया है। उन्होंने कहा कि वे न तो पार्टी विरोधी गतिविधि में संलिप्त रहे हैं और न ही दल के विरूद्ध कुछ भी टिप्पणी की है बल्कि उन्होंने व्यक्ति विशेष के बारे में कहा था। आजाद ने कहा कि क्रिकेट से जुड़े संगठनों में भ्रष्टाचार के उनके आरोप की संपुष्टि उच्चतम न्यायालय के बीसीसीआई को राज्य की क्रिकेट इकाईयों को धनराशि आवंटित करने से रोके जाने तथा बोर्ड का लेखा परीक्षण कराए जाने के आदेश से होता है।