नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शन और आठ दिसंबर को भारत बंद के ऐलान ने अब खुद सत्तारूढ़ दल एनडीए की मुश्बित बढ़ा दी है। किसानों के मुद्दों के लिए एनडीए में फूंट पड़ गया है। गठबंधन में शामिल दल भी अब नए कृषि कानूनों के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं।
एनडीए में शामिल राजस्थान की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने 8 दिसंबर को प्रस्तावित किसानों के ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है। साथ हीं आरएलपी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि वो 12 दिसंबर को किसानों के समर्थन में राजधानी दिल्ली के लिए कूच करेंगे। हनुमान बेनीवाल ने भारत बंद के पक्ष में समर्थन का ऐलान पहले हीं कर किया है।
जयपुर में 10 और 11 दिसंबर को स्थानीय निकाय के चुनावों की मतगणना है। इसलिए बेनीवाल समेत सभी किसान 12 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे।
इससे पहले सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा था कि अगर केंद्र इन कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है तो वे एनडीए को दिए अपने समर्थन पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा था, "हमने केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध किया है और गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है कि अगर इन कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तो हम एनडीए को अपना समर्थन जारी रखने के बारे में सोचेंगे।"
दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों पर प्रदर्शन करने पंजाब-हरियाणा और अन्य राज्यों से आए किसानों का सोमवार को 12वां दिन है। अब तक पांचवें दौर की किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच बातचीत हो चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल सका। किसान संगठनों के नेता नये कानून को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। केंद्र ने नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है। लेकिन, उससे पहले मंगलवार को किसानों की तरफ से भारत बंद बुलाया गया है। किसानों ने कहा है कि मंगलवार को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद रहेगा।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    